लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती (BSP Supremo Mayawati) ने सपा-कांग्रेस को आरक्षण विरोधी बताते हुए इन दलों के साथ भविष्य में भी किसी भी तरह के गठबंधन से इन्कार किया है। रविवार को सोशल साइट पर जारी किए गए अपने बयान में उन्होंने सपा-कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने जातीय जनगणना को लेकर कांग्रेस से सवाल किया कि सत्ता में रहते इन्होंने जातीय जनगणना क्यों नहीं करवाई।
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उन्होंने कहा कि कल (शनिवार) प्रयागराज में संविधान सम्मान समारोह करने वाली कांग्रेस पार्टी को बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के अनुयायी कभी माफ नहीं करेंगे, जिसने संविधान के मुख्य निर्माता बाबा साहेब को उनके जीते-जी व देहान्त के बाद भी भारतरत्न की उपाधि से सम्मानित नहीं किया।
साथ ही, बाबा साहेब की मूवमेन्ट को गति देने वाले कांशीराम जी का देहान्त होने पर इसी कांग्रेस ने केन्द्र में अपनी सरकार के रहते इनके सम्मान में एक दिन का भी राष्ट्रीय शोक तथा सपा सरकार ने भी राजकीय शोक घोषित नहीं किया। इनकी ऐसी दोगली सोच, चाल और चरित्र से जरूर सजग रहें।
इसके अलावा केन्द्र में बीजेपी की सत्ता आने से पहले कांग्रेस ने अपनी सरकार में राष्ट्रीय जातीय जनगणना क्यों नहीं कराई थी जो अब इसकी बात कर रहे हैं, जवाब दें? जबकि बीएसपी इसकी हमेशा ही पक्षधर रही है, क्योंकि इसका होना कमजोर वर्गों के हित में बहुत जरूरी है।
संविधान के तहत अनुसूचित जाति और जनजाति को मिले आरक्षण में अब वर्गीकरण व क्रीमीलेयर के जरिये, इसे निष्प्रभावी बनाने व खत्म करने की चल रही साजिश के विरोध में कांग्रेस, सपा व भाजपा आदि का भी चुप्पी साधे रखना क्या यही इनका दलित प्रेम है, सचेत रहें।सपा व कांग्रेस आदि जैसी इन आरक्षण विरोधी पार्टियों के साथ अब किसी भी चुनाव में इनसे कोई गठबंधन करना क्या अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों के हित में उचित होगा। यह कतई नहीं होगा ऐसे में अब इनको खुद अपने दम पर खड़े होना है, यही सलाह है।