पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने शहबाज शरीफ सरकार को झटका देते हुए संसद द्वारा उन कानूनों को पिछली तारीख से लागू करने पर रोक लगा दी है, जिनसे लोगों के अधिकार प्रभावित होते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि राष्ट्रीय या प्रांतीय असेंबली ऐसे कानून नहीं बना सकतीं, जो लोगों को संविधान में मिले मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हों।
लेबनान में हुए पेजर्स धमाकों में इस भारतीय का नाम आया सामने, जांच में चौंकाने वाला खुलासा
सरकार के इस कदम पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के स्पीकर अयाज सादिक द्वारा चुनाव आयोग को भेजे पत्र के बाद सामने आया है। इस पत्र में अयाज सादिक ने चुनाव आयोग से मांग की कि संसद ने हाल ही में चुनाव कानून में जो बदलाव किए हैं, उन्हें पिछली तारीख से लागू किया जाए। इन बदलावों के तहत निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव में जीत के बाद किसी राजनीतिक पार्टी में शामिल नहीं हो सकेंगे।
संविधान के अनुच्छेद 8 का दिया हवाला
सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की गई। जिस पर सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस सैयद मंसूर अली शाह ने फैसले में कहा कि संविधान का अनुच्छेद 8 संसद और प्रांतीय विधानसभाओं को ऐसे किसी भी कानून को बनाने से रोकता है, जो लोगों के संवैधानिक अधिकारों को प्रभावित करते हैं।
Please also watch this video
न्यायमूर्ति शाह ने कहा कि यह निषेध भावी और पूर्वव्यापी दोनों कानूनों पर समान रूप से लागू होता है। पूर्वव्यापी कानून पिछले समय की बात करते हैं और कानून बनने से पहले हुई चीजों के लिए नियमों को बदलते हैं। दूसरी ओर, भावी कानून भविष्य में लागू होने वाले नियमों के बारे में बताते हैं।