कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम को हटाने से साफ इन्कार कर दिया है। साथ ही उन्होंने निगम को हटाने और आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे जूनियर डॉक्टरों से आमरण अनशन खत्म कर काम पर लौटने की अपील की है। उन्होंने आंदोलनकारी डॉक्टरों से बात करने के लिए राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत को शनिवार को अनशनस्थल पर भेजा। डॉक्टरों को बातचीत के लिए सोमवार को सचिवालय भी बुलाया।
जूनियर डॉक्टर 15 दिनों से धर्मतला में अनशन पर बैठे हैं। मंच पर पहुंचे पंत ने डॉक्टरों की फोन पर ममता बनर्जी से बात कराई। बाद में फोन के जरिये मुख्यमंत्री ने अनशन मंच पर संदेश सुनाया। मुख्यमंत्री ने कहा, अनशन समाप्त करने की अपील कर रही हूं। बातचीत के लिए आइए। हम अपनी क्षमता अनुसार प्रयास कर रहे हैं। लगभग सभी मांगें पूरी हो गई हैं। 3-4 महीने का समय दीजिए। अस्पतालों में चुनाव कराएंगे। कृपया अनशन समाप्त करें। काम में शामिल हों।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सचिव निगम को हटाने को छोड़कर आंदोलनकारियों की सभी मांगों से वह सहमत हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग से एक साथ सभी अधिकारियों को नहीं हटाया जा सकता है। पहले ही कई अधिकारियों को हटाया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने आंदोलनकारियों को बातचीत के लिए सोमवार को शाम 5 बजे नवान्न (सचिवालय) में बैठक का समय दिया। लेकिन साथ ही यह भी कहा कि आंदोलनकारियों की तरफ से केवल दस ही प्रतिनिधि आएं।
बैठक के लिए सरकार ने रखी शर्त
हालांकि, मुख्य सचिव ने शनिवार शाम जूनियर डॉक्टरों को ईमेल भेजकर बैठक के लिए शर्त रखी। उन्होंने कहा है कि अनशन खत्म करने के बाद ही नवान्न (सचिवालय) में सोमवार की बैठक होगी। जूनियर डॉक्टरों की तरफ से अभी इस मेल का जवाब दिया गया नहीं, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। लेकिन सीएम के नियमंत्र पर जूनियर डॉक्टरों ने बैठक में शामिल होने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी मांगें मान ली जाती हैं तो वह भी काम पर लौटना चाहते हैं।