लखनऊ। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) में बुधवार को कुलपति प्रो जेपी पाण्डेय के निर्देशन में सूचना अधिकार अधिनियम के प्रावधानों पर विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विषय विशेषज्ञ एवं सेंटर फॉर एक्सिलेंस एंड ट्रेनिंग यूपी होसिंग एंड डेवलपमेंट बोर्ड के पूर्व निदेशक राजेश कुमार मेहतानी ने सूचना अधिकार अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के बारे में विस्तार से बताया।
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उन्होंने सूचना अधिकार अधिनियम 2005 एवं उत्तर प्रदेश सूचना का अधिकार (RTI) नियमावली 2015 के बारे में जानकारी दी। आरटीआई की अवधारणा एवं उसके उदेश्य पर प्रकाश डाला। बताया कि जानने का अधिकार या सूचना का अधिकार नागरिकों का मूल अधिकार है। मूल अधिकार होते हुए भी आरटीआई अधिनियम लागू होने के पहले सूचनाएं नहीं मिल पाती थी। लेकिन आरटीआई लागू होने के बाद यह अधिकार नागरिकों को प्राप्त हो गया। किसी भी लोक प्राधिकरण से सूचनाएं मांगी जा सकती हैं। किसी स्वरूप में सामग्री ही सूचना है। बताया कि आवेदक को सामग्रियों के निरीक्षण एवं अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियां लेने का अधिकार है।
कार्यशाला के दौरान आवेदन के निस्तारण की प्रक्रिया, आवेदन के विस्तृत परीक्षण आदि की जानकारी साझा की। आरटीआई आवेदन के विभिन्न प्रारूपों पर विस्तार से बताया। प्रारूप तीन के रजिस्टर को बनाना महत्वपूर्ण बताया। कहा कि विधिक प्राविधान के तहत आवेदक को सूचना देने से मना भी किया जा सकता है।
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कुलसचिव रीना सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से निश्चित रूप सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्य करने में लाभ मिलेगा। कहा कि आगे भी ऐसी कार्यशालाएं आयाजित करायी जाएंगी। कार्यक्रम में सभी अधिकारी और कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया।
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एकेटीयू में भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी और इनोवेशन हब की ओर से 25 अक्टूबर को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला में मुख्य वक्ता प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ सलाहकार डॉ संजय मिश्रा होंगे। जबकि इसमें बायोटेक्नोलॉजी के वरिष्ठ वैज्ञानिक मनोज कुमार रोहिल्ला सहित देश के अन्य जाने-माने वैज्ञानिक मौजूद रहेंगे।