लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2019 में समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल गठबंधन ने अपने प्रत्याशियों की जीत और भाजपा को केन्द्र से बेदखल करने के उद्देश्य से मतदाताओं के बीच संयुक्त रूप से रैलियां करने का निर्णय लिया है। गठबंधन का प्रयास होगा कि वो संयुक्त रैलियों के माध्यम से आम जनता तक संदेश पहुंचाए कि गठबंधन में शामिल दलों के कार्यकर्ता एकजुट होकर चुनाव लग रहे हैं।
सपा-बसपा-रालोद मिलकर करेंगे 11 रैलियां
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी ने बताया है कि नवरात्र के शुभ दिनों में 7 अप्रैल से प्रारंभ संयुक्त रैलियों का क्रम 16 मई 2019 तक चलेगा। इसमें समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी-राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव,मायावती और अजित सिंह एक साथ मिलकर 11 रैलियां करेंगे।
संयुक्त रैली 7 अप्रैल से 16 मई को वाराणसी में
श्री चौधरी ने बताया,7 अप्रैल 2019 को देवबंद में होनेवाली संयुक्त रैली में सहारनपुर, कैराना, बिजनौर और मुजफ्फरनगर जनपद के कार्यकर्ताओं का जुटान होगा जबकि 13 अप्रैल 2019 को बदायूं में होनेवाली संयुक्त रैली में बदायूं लोकसभा क्षेत्र के कार्यकर्ता जुटेंगे। 16 अप्रैल 2019 को आगरा में होने वाली संयुक्त रैली में आगरा, फतेहपुर सीकरी तथा मथुरा लोकसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व होगा।
वहीं 19 अप्रैल 2019 को मैनपुरी में इसी संसदीय क्षेत्र की रैली होगी। 20 अप्रैल 2019 को रामपुर में आयोजित संयुक्त रैली में मुरादाबाद, रामपुर, सम्भल लोकसभा क्षेत्र शामिल होंगे। जबकि इसी दिन 20 अप्रैल 2019 को फिरोजाबाद में भी संयुक्त रैली होगी। जिसमें फिरोजाबाद क्षेत्र की जनता शामिल होगी। 25 अप्रैल 2019 को कन्नौज में होगी जबकि 1 मई 2019 को फैजाबाद में होने वाली संयुक्त रैली में बाराबंकी, फैजाबाद तथा बहराइच लोकसभा क्षेत्र शामिल होंगे। 8 मई 2019 को आजमगढ़ में संयुक्त रैली होगी जिसमें आजमगढ़, लालगंज लोकसभा क्षेत्र शामिल होंगे। 13 मई 2019 को गोरखपुर में गठबंधन की संयुक्त रैली में गोरखपुर, महाराजगंज, कुशीनगर के लोकसभा क्षेत्र शामिल होंगे।
भाजपा को दिल्ली की गद्दी तक पहुंचने से रोकना
गठबंधन के संयुक्त रैलियों का समापन 16 मई 2019 को वाराणसी में आयोजित संयुक्त रैली में होगा जिसमें वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, राबर्ट्सगंज के लोकसभा क्षेत्र शामिल होंगे। रैली को सफल बनाने एवं मतदातों को गठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में वोट देने के लिए सभी पार्टियों (सपा-बसपा-रालोद) के कार्यकर्ता, पदाधिकारी, विधायक व सांसद सभी परस्पर समन्वय के साथ चुनाव प्रचार में जुट गए हैं। लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए सभी का एक लक्ष्य है भाजपा को दिल्ली की गद्दी तक पहुंचने से रोकना।