ताइवान सरकार को अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से उम्मीद है कि वह स्व-शासित द्वीप की चीनी आक्रामकता से रक्षा करना जारी रखेंगे। रेडियो फ्री एशिया (आरएफए) की रिपोर्ट के मुताबिक, ताइपे उम्मीद कर रहा है कि ट्रंप अपने चुनावी अभियान के दौरान किए गए उस वादे को पूरा करेंगे, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका भुगतान के बाद द्वीप राष्ट्र की रक्षा करेगा।
‘शरद पवार साहब, आपकी चार पीढ़ियां भी अनुच्छेद 370 को वापस नहीं ला सकतीं’, अमित शाह की चेतावनी
द्वीप राष्ट्र के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता करेन कुओ ने कहा, हम नए अमेरिकी प्रशासन और कांग्रेस के साथ मिलकर ताइवान-अमेरिका संबंधों में एक नई स्थिति बनाने के लिए काम करेंगे। आरएफए की रिपोर्ट के मुताबिक, ताइवान के निवासी डोनाल्ड ट्रंप की चुनावी जीत को द्वीप राष्ट्र की जीत के रूप में देख रहे हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, ट्रंप जो कदम उठाते हैं, वे बाइडन से ज्यादा मजबूत होते हैं और चीन कुछ भी गलत कदम नहीं उठाएगा। वह ऐसा नहीं होने देंगे कि चीन ताइव को अपने में मिला ले।
ताइपे के एक अधिकारी ली ने कहा, मुझे लगता है कि ट्रंप के चुनाव जीतने से ताइवान जलडमरूमध्य का सुरक्षा माहौल बेहतर होगा। ट्रंप ने पहले एक इंटरव्यू में कहा था कि बीजिंग ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बहुत आक्रामक कदम उठाए हैं। उन्होंने इस क्षेत्र में अपने सारे जहा तैनात कर दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि ताइवान का मौजूदा उन्नत सेमिकंडक्टर उद्योग चीन के आक्रमण में एक बड़ी रुकावट है।
Please watch this video also
नेशनल ताइवान यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान के सहायक प्रोफसर ताओ यी-फेन ने सुझाव दिया कि ताइवान सरकार को अमेरिकी राष्ट्रपति से जल्द से जल्द संपर्क करना चाहिए और रक्षा खर्च से जुड़े उपायों पर चर्चा करनी चाहिए। ताओ ने आगे कहा, ट्रंप ताइवान के लिए सीधे तौर पर सैन्य मदद का वादा नहीं करेंगे। लेकिन वह चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को यह सोचने का मौका नहीं देंगे कि उन्होंने ताइवान छोड दिया है।