चैड में सोमवार को सेना ने बड़ा अभियान चलाया। इस ऑपरेशन में सेना ने बोको हरम के 96 आतंकियों को मार गिराया। वहीं, चैड सेना के 15 जवानों की भी जान चली गई। इसके अलावा 32 सैनिक घायल हैं। चैड की सेना का यह अभियान कहां चलाया गया, इसके बारे में फिलहाल सेना के प्रवक्ता ने जानकारी नहीं दी है। साथ ही इस पूरी घटना के हालात पर भी चर्चा नहीं की गई है।
जनरल इसाख अचेख ने रविवार को टीवी पर अपने संवोधन के दौरान कहा कि सेना ने बोको हरम के 11 आतंकियों को घायल भी किया है और बड़ी मात्रा में हथियारों और अन्य उपकरणों को जब्त किया। उन्होंने कहा, “सेना नागरिकों को निश्चिंत करना चाहती है कि हालात नियंत्रण में हैं और ‘हस्केनाइट अभियान’ के तहत बचे हुए आतंकियों को खोजने का काम किया जा रहा है।” हस्केनाइट अभियान चैड की सेना की तरफ से लेक चैड क्षेत्र से बोको हरम को खत्म करने का अभियान है।
बोको हरम-इस्लामिक स्टेट के हमलों का शिकार रहा है चैड
लेक चैड का यह क्षेत्र पहले कई बार आतंकी हमलों का शिकार हो चुका है। खासकर पश्चिम अफ्रीका में इस्लामिक स्टेट और बोको हरम की तरफ से यहां कई गतिविधियां देखी गईं। यह हमले 2009 में पूर्वोत्तर में नाइजीरिया में शुरू हुए थे और फिर चैड के पश्चिमी क्षेत्र तक पहुंच गए।
बीते महीने के अंत में आतंकियों के चैड लेक क्षेत्र में एक सैन्य बेस पर किए गए हमले में 40 सैनिकों की मौत हुई थी। इसके बाद अंतरिम राष्ट्रपति मोहम्मद इदरिस देबी ने मध्य अफ्रीका के इस देश को बहुराष्ट्रीय सुरक्षाबलों को निकालने की धमकी दी थी।
चैड अब तक फ्रांस और अमेरिकी सेनाओं का अहम साझेदार रहा है और पश्चिमी अफ्रीका में स्थित सहेल क्षेत्र में बीते 12 साल से जिहादी आतंकियों के खिलाफ अभियान चलाने में साथ दे रहा है। दूसरी तरफ माली, बुर्किना फासो और नाइजर, जो कि जिहादी हिंसा का केंद्र बन चुके हैं, ने रूस के लिए पश्चिमी समर्थन को पीठ दिखा दी है।