इटावा। रमपुरा लोहरई गांव के प्राथमिक स्कूल परिसर में किसान की हत्या करके शव को जलाने के मामले में पुलिस ने हत्या का खुलासा कर दिया। प्रेमी के साथ मिलकर महिला ने पति की हत्या की थी। वह अपने प्रेमी के साथ रहना चाहती थी, जबकि पति प्रेमी के साथ रहने नहीं दे रहा था। आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया गया है, वहीं, प्रेमी की पुलिस तलाश कर रही है।
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शनिवार दिन में बसरेहर क्षेत्र के रमपुरा लौहरई के प्राथमिक स्कूल में चरण सिंह (52) का अधजला शव स्कूल में छात्रों को पड़ा दिखाई दिया था। पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया था। चरण की बड़ी पुत्री खुशबू ने पिता के शव की शिनाख्त की थी।
शव मिलने पर चरण सिंह की पत्नी गीता देवी ने अपने देवर पर पति की हत्या करके शव जलाने का आरोप लगाया था, जबकि गीता ने पुलिस को अपना मोबाइल गायब होने की बात बताई थी। पुलिस ने पूरे मामले की पड़ताल की तो उसका शक गीता पर गहरा गया। पुलिस पूछताछ में गीता ने बताया कि शुक्रवार रात चरण सिंह ने अत्यधिक शराब पी थी।
चरण सिंह के प्राथमिक स्कूल के परिसर में आलू के बीज रखे हुए हैं। देर रात गीता पति को आलू के बीज की देखभाल के लिए स्कूल में लेकर पहुंची। वहां उसने अपने प्रेमी को फोन करके स्कूल बुला लिया। जबर सिंह ने उसके सिर पर भारी चीज से प्रहार किया। जिससे वह गिर पड़ा और उसके ऊपर घास फूस डालकर आग से जला दिया।
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एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि चरन सिंह उसकी पत्नी गीता सहित परिवार के पांच लोगों के खिलाफ सैफई थाने में युवक को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज है। बीती 14 नवंबर को उसी मामले की तारीख पर चरन सिंह कोर्ट पहुंचा था। पहले से अपने प्रेमी जबर सिंह के साथ रह रही गीता भी तारीख पर पहुंची थी।
चरन सिंह कोर्ट से गीता को राजी करके घर ले आया था, लेकिन प्रेमी और गीता ने शुक्रवार रात साजिश रचकर चरन सिंह की हत्या कर दी। महिला को गिरफ्तार करके कार्रवाई के बाद जेल भेज दिया गया। फरार चल रहे जबर सिंह निवासी सोनीपत हरियाणा को भी पुलिस तलाश कर रही है।
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गीता ने चरन सिंह से की थी दूसरी शादी
गीता की पहली शादी करीब 25 साल पहले घाटमपुर में संजय नाम के व्यक्ति से हुई थी, जिससे दो पुत्रियां भी थीं। संजय की मौत के बाद उसने चरण सिंह से शादी कर ली थी, जिससे दो पुत्र थे। गीता की बाद में चरण सिंह के साथ में काम करने वाले जबर सिंह के साथ नजदीकियां बढ़ गई थीं। गीता कई बार जबर सिंह के साथ घर छोड़कर जा चुकी थी। लेकिन चरन सिंह गीता को मनाकर वापस घर ले आता था।