नवरात्र में नौ दिनों में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि नवरात्र में प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती के 13 अध्यायों का पाठ करने से सभी मनोकामनाये की पूरी होती है। सबसे खास बात तो यह है कि इसके अलग-अलग अध्यायों का पाठ करने से अलग-अलग फल भी मिलता है। ऐसे में आइए चैत्र नवरात्र पर जानें दुर्गा सप्तशती के अध्यायों का महत्व ….
पहला अध्याय:
इसका पाठ करने से चिंताएं दूर होती हैं। जीवन सुखमय होता है।
दूसरा अध्याय:
इसका पाठ करने से घर एवं भूमि आदि से जुड़े विवादों से छुटकारा मिलता है।
तीसरा अध्याय:
इसके पाठ से युद्ध एवं मुकदमे में जीत हासिल होती व शत्रुओं से छुटकारा मिलता है।
चौथा अध्याय:
इसके पाठ से धनवान होने के साथ ही सुन्दर जीवन साथी मिलता है।
पांचवा अध्याय:
इसका पाठ करने से बुरे स्वप्नों के साथ भूत प्रेत बाधाओं से छुटकारा मिलता है।
छठवां अध्याय:
इसका पाठ करने से बाधाएं दूर होती हैं। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
सातवां अध्याय:
इसके पाठ से मन की हर एक छुपी कामना भी पूरी हो जाती है।
आठवां अध्याय:
इस अध्याय के पाठ से धन लाभ मिलता है। विद्या मिलती है।
नौवां अध्याय:
संपत्ति एवं धन का लाभ प्राप्त होता है। साथ ही खोए हुए की तलाश पूरी होती है।
दसवां अध्याय:
इसके पाठ से शक्ति और संतान का सुख भी प्राप्त होता है। जीवन में खुशियां आती है।
ग्यारहवां अध्याय:
इसका पाठ करने से हर प्रकार की चिंता से मुक्ति मिलती है। साथ व्यापार में सफलता एवं सुख-संपत्ति मिलती है।
बारहवां अध्याय:
इस अध्याय के पाठ से रोगो से मुक्ति मिलती है। समाज में प्रतिष्ठा मिलती है।
तेरहवां अध्याय:
इस आखिरी अध्याय से जीवन की सभी इच्छित वस्तुएं आसानी से मिल जाती हैं। रोग दूर होते है।