महाराष्ट्र के कोल्हापुर Kolhapur में स्थित श्री महालक्ष्मी मंदिर शक्ति पीठों में से एक है जिसका उल्लेख पुराणों में मिलता है। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन से यहां आकर मां महालक्ष्मी से मन्नत मांगता है वह जरूर पूरी होती है। यह माना जाता है कि यहां श्री महालक्ष्मी भगवान विष्णु के साथ निवास करती हैं। मंदिर का निर्माण 700 ईसवीं में कन्नड़ के चालुक्य साम्राज्य के समय में किया गया था।
Kolhapur में स्थित
कोल्हापुर Kolhapur में स्थित इस मंदिर में काले पत्थर का एक मंच हैं जिस पर महालक्ष्मीजी की चार हाथों वाली काले पत्थर से बनी प्रतिमा है। देवी चारों हाथों में अमूल्य वस्तुएं धारण किये हुए हैं। उनके सिर पर गहनों से सजा मुकुट है जिसका वजन चालीस किलोग्राम बताया जाता है। इस मुकुट में भगवान विष्णु के शेषनाग नागिन का चित्र भी है। साथ ही मंदिर की दीवार में श्री यंत्र को पत्थर पर खोद कर बनाया गया है।
मंदिर की खास बात यह है कि यहां महालक्ष्मी जी के चरणों में खुद सूर्य देवता प्रणाम करते हैं।
दरअसल यहां पश्चिमी दीवार पर एक खिड़की बनी हुई है जिसके चलते मार्च और सितंबर में 21 तारीख के आसपास तीन दिनों तक सूर्य की किरणें देवी को रोशनी से सराबोर करते हुए चरणों को प्रणाम करती हैं। यह मंदिर इस मायने में भी दूसरे मंदिरों से अलग है कि जहां अन्य हिंदू मंदिरों में देवी पूरब या उत्तर दिशा की ओर देखते हुए मिलती हैं वहीं इस मंदिर में महालक्ष्मी पश्चिम दिशा की ओर देख रही हैं।
मंदिर में महालक्ष्मी के अलावा
मंदिर में महालक्ष्मी के अलावा नवग्रहों, दुर्गा माता, सूर्य नारायण, भगवान शिव, भगवान विष्णु, विट्ठल रखमाई, तुलजा भवानी आदि देवी देवताओं की मूर्तियां भी हैं। मंदिर परिसर में स्थित मणिकर्णिका कुंड के तट पर विश्वेश्वर महादेव मंदिर की भी काफी प्रसिद्धि है।
महालक्ष्मी मंदिर के बारे में एक किवंदती यह भी है कि एक बार तिरुपति यानी भगवान विष्णु से रूठकर उनकी पत्नी कोल्हापुर आ गईं। इस वजह से दीपावली के दिन आज भी तिरुपति देवस्थान से आया शालू उन्हें पहनाया जाता है। यह भी कहा जाता है कि किसी की भी तिरुपति यात्रा तब तक पूरी नहीं मानी जाती जब तक वह यहां आकर महालक्ष्मी का पूजा अर्चन ना कर ले। यहां महालक्ष्मी को करवीर निवासी अंबाबाई के नाम से भी पुकारा जाता है। कहा जाता है कि दीपावली की रात को होने वाली महाआरती में श्रद्धालु यहां जो भी मुरादे मांगते हैं वह जरूर पूरी होती हैं।