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ग्रामीण व शहरी क्षेत्र अनियमित मौसम, बदलते वर्षा पैटर्न और बढ़ते तापमान के प्रभावों से जूझ रहा- ओम प्रकाश राजभर

• पंचायतीराज मंत्री ने 43 ग्राम पंचायतों के लिए क्लाइमेट स्मार्ट योजना का किया विमोचन

• सीएसजीपीएपी विकास हेतु एसओपी एवं आयोध्या सिटी क्लाइमेट एक्शन प्लान का भी विमोचन किया गया

लखनऊ। पंचायतीराज, अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज मंत्री ओम प्रकाश राजभर, मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश सरकार मनोज कुमार सिंह ने आज 43 ग्राम पंचायतों के लिए क्लाइमेट स्मार्ट कार्ययोजना और उत्तर प्रदेश की लगभग 58,000 ग्राम पंचायतों के लिए क्लाइमेट स्मार्ट ग्राम पंचायत कार्य योजना विकास हेतु फ्रेमवर्क और मानक संचालन प्रक्रिया का विमोचन लखनऊ स्थित ताज होटल में किया गया। साथ ही, अयोध्या के लिए सिटी क्लाइमेट एक्शन प्लान भी औपचारिक रूप से विमोचन किया गया।

ग्रामीण व शहरी क्षेत्र अनियमित मौसम, बदलते वर्षा पैटर्न और बढ़ते तापमान के प्रभावों से जूझ रहा- ओम प्रकाश राजभर

इस अवसर पर ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि यह विमोचन सतत और क्लाइमेट स्मार्ट उत्तर प्रदेश बनाने की दिशा में पहला कदम है। उन्होंने नीति में जलवायु लचीलापन और कार्यवाही को एकीकृत करने के महत्व पर जोर दिया, ताकि संतुलित विकास और पर्यावरणीय सामंजस्य सुनिश्चित हो सके। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को उत्तर प्रदेश को क्लाइमेट स्मार्ट बनाने में अपना योगदान देने के लिए आह्वान किया और पंचायती राज विभाग की पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।

श्री राजभर ने कहा कि जलवायु परिवर्तन सुदूर चुनौती नही है, बल्कि यह हमारे सामने है और हमारे समुदायों, पारीस्थितिकी तंत्र तथा जीवन शैली को प्रभावित कर रहा है। उत्तर प्रदेश विशाल जनसंख्या और विविध भौगोलिक परिस्थितियों वाला प्रदेश है। हमारे सामने विशिष्ट चुनौतियां भी हैं। ग्रामीण व शहरी क्षेत्र अनियमित मौसम, बदलते वर्षा पैटर्न और बढ़ते तापमान के प्रभावों से जूझ रहा है। इसका सीधा प्रभाव कृषि, जलसंसाधनों एवं जन स्वास्थ्य पर पड़ रहा है।

ग्रामीण व शहरी क्षेत्र अनियमित मौसम, बदलते वर्षा पैटर्न और बढ़ते तापमान के प्रभावों से जूझ रहा- ओम प्रकाश राजभर

यह योजना ग्राम पंचायतों के लिए स्थानीय स्तर पर जलवायु कार्यवाही को आगे बढ़ाने और सतत ग्रामीण विकास को प्रोत्साहित करने का एक प्रभावशाली साधन है। यह ग्राम पंचायत संस्थाओं, समुदायों और संबंधित विभागों को संवेदनशीलताओं का आकलन करने, स्थानीय जलवायु जोखिमों की पहचान करने और जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन व शमन के लिए उपयुक्त समाधान विकिसित करने में सहायक सिद्ध होगी।

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मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने जलवायु परिवर्तन और उसके प्रभावों पर त्वरित कार्यवाही की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश द्वारा यह पहली ऐसी पहल है, जो ग्रामीण स्तर पर जलवायु कार्यवाही को मजबूत करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि एसओपी ग्रामीण उत्तर प्रदेश में क्लाइमेट स्मार्ट पहल के बड़े पैमाने पर कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जो राज्य के सतत भविष्य के दृष्टिकोण के अनुरूप है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि राज्य में पहले से कई पहलें और गतिविधियाँ जारी हैं, और उनका प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए नए दृष्टिकोणों की आवश्यकता है।

प्रमुख सचिव कृषि विभाग रविंद्र नायक ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति कृषि की संवेदनशीलता को रेखांकित किया और इसके समाधान के लिए त्वरित और सक्रिय प्रयासों की आवश्यकता जताई। उन्होंने यह भी कहा कि एक सतत भविष्य के लिए हमारे दैनिक जीवन में व्यवहारिक बदलाव लाने की जरूरत है।

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सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग सुशांत शर्मा ने इन क्लाइमेट एक्शन प्लान्स और एसओपी के महत्व को बताया, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए सतत भविष्य सुनिश्चित करने में मदद करेंगे। उन्होंने ग्रामीण स्तर पर सफल जलवायु कार्यवाही में निजी क्षेत्र की भागीदारी की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

सीईओ, वसुधा फाउंडेशन श्रीनिवास कृष्णस्वामी ने कहा कि ग्राम पंचायत एक्शन प्लान्स और एसओपी भारत में एक अभिनव पहल है, जो जलवायु कार्यवाही को स्थानीय स्तर पर लागू करने पर केंद्रित है।

ग्रामीण व शहरी क्षेत्र अनियमित मौसम, बदलते वर्षा पैटर्न और बढ़ते तापमान के प्रभावों से जूझ रहा- ओम प्रकाश राजभर

उन्होंने इन योजनाओं के विकास की प्रक्रिया और स्थानीय भागीदारों के साथ सहयोग करने के महत्व को बताया, ताकि जलवायु कार्यवाही को मुख्यधारा में लाया जा सके। उन्होंने उत्तर प्रदेश की लगभग 58,000 ग्राम पंचायतों में क्लाइमेट स्मार्ट एक्शन के कार्यान्वयन को तेज करने के लिए क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की योजना भी साझा की।

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उपरोक्त वक्ताओं के अलावा, ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों, प्रीति तिवारी, ग्राम प्रधान, पुलंदर ग्राम पंचायत, मलासा ब्लॉक, कानपुर देहात और कमलेश जराखर, प्रधान, जराखर ग्राम पंचायत, गोहंद ब्लॉक, हमीरपुर ने योजना तैयार करने में अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने अपनी पंचायतों द्वारा जलवायु स्मार्ट बनने की दिशा में किए गए प्रयासों को उजागर किया और वसुंधरा फाउंडेशन का धन्यवाद दिया। उन्होंने विश्वास जताया कि उनकी पंचायतें जल्द ही क्लाइमेट स्मार्ट बन जाएंगी।

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