नई दिल्ली। विपक्ष राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ पर सदन में उन्हें बोलने की अनुमति नहीं देने का लगातार आरोप लगा रहा था। वहीं, अब तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के संसदीय दल के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने शुक्रवार को दावा किया कि उच्च सदन की कार्यवाही के दौरान करीब 30 प्रतिशत समय तक सभापति खुद बोले हैं।
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कुल 13 घंटे चली राज्यसभा
संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सभापति की आलोचना करते हुए ओ ब्रायन ने कहा कि राज्यसभा 18 दिसंबर तक कुल 43 घंटे चली और धनखड़ ने करीब साढ़े चार घंटे भाषण दिया। हालांकि, राज्यसभा के सभापति या इसके सदस्यों के बोलने के समय का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है।
साढ़े चार घंटे बोले धनखड़
उन्होंने आगे कहा, ’18 दिसंबर तक राज्यसभा कुल 43 घंटे चली, जिसमें से 10 घंटे विधेयकों पर चर्चा हुई और 17.5 घंटे संविधान पर बहस हुई। उन्होंने कहा कि बाकी 15.5 घंटे में करीब 4.5 घंटे यानी लगभग 30 प्रतिशत समय राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने खुद बोलते रहे।’
टीएमसी नेता ने पूछा ये सवाल
ओ’ब्रायन ने सवाल उठाया कि क्या धनखड़ ने संसद में नया रिकॉर्ड बना दिया? बता दें, यह बयान विपक्ष द्वारा उपराष्ट्रपति के खिलाफ लाए गए महाभियोग प्रस्ताव के संदर्भ में आया है, जिसे राज्यसभा के उपाध्यक्ष हरिवंश ने पहले ही खारिज कर दिया था। विपक्ष के कुछ नेता इस प्रस्ताव को अगले सत्र में फिर से लाने की योजना बना रहे हैं।
विपक्ष का आरोप है कि धनखड़ पक्षपाती हैं और उनकी कार्यशैली पर उन्हें भरोसा नहीं है। उनका कहना है कि राज्यसभा में राजनीति ने नियमों से अधिक महत्व ले लिया है।