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पांच दिवसीय भारत दौरे पर राष्ट्रपति शनमुगरत्नम, औपचारिक स्वागत के बाद अब पीएम से मुलाकात

नई दिल्ली:  सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम पांच दिवसीय यात्रा पर मंगलवार रात नई दिल्ली पहुंचे। उनका यह दौरा भारत और सिंगापुर के बीच कूटनीतिक संबंधों के 60 साल पूरे होने के अवसर पर हो रहा है। थर्मन का उद्देश्य विभिन क्षेत्रों में भारत-सिंगापुर के द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करना है।

राष्ट्रपति के रूप में थर्मन की पहली भारत यात्रा
उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ नई दिल्ली पहुंचने पर थर्मन का केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने हवाई अड्डे पर स्वागत किया। यह थर्मन की सिंगापुर के राष्ट्रपति के रूप में पहली भारत यात्रा है। बृहस्पतिवार को थर्मन का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया जाएगा। शाम को वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से चर्चा करेंगे, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनसे मिलेंगे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर पोस्ट में कहा, ‘भारत-सिंगापुर के राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ का खास उत्सव। सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम राजकीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे।’

थर्मन की यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों को और गति मिलने की उम्मीद
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि थर्मन की यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों को और गति मिलने की उम्मीद है। एमईए ने कहा, ‘राष्ट्रपति थर्मन की यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों को और गति मिलने की उम्मीद है, जिसे 4-5 सितंबर, 2024 के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सिंगापुर यात्रा के दौरान व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाया गया था।’

ओडिशा का दौरा भी करेंगे सिंगापुर के राष्ट्रपति
विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह राजकीय यात्रा भारत और सिंगापुर के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ का समारोह भी शुरू करेगी। सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन 17 से 18 जनवरी तक ओडिशा का भी दौरा करेंगे।

तरुण दास मानद नागरिकता पुरस्कार से सम्मानित
सिंगापुर ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के पूर्व महानिदेशक तरुण दास को सिंगापुर-भारत संबंधों में उनके अमूल्य योगदान के लिए मानद नागरिकता पुरस्कार से सम्मानित किया है। राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम ने बुधवार को नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में दास को यह पुरस्कार प्रदान किया। बता दें कि मानद नागरिकता पुरस्कार देश की वृद्धि और विकास में किसी गैर-सिंगापुरी व्यक्ति के उत्कृष्ट योगदान के लिए सिंगापुर सरकार द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। तरुण दास ने कई दशकों में सिंगापुर-भारत संबंधों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। तरुण दास ने पहली बार 1993 में भारत की “लुक ईस्ट” नीति के हिस्से के रूप में सिंगापुर में भारतीय उद्योगपतियों के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।

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