लखनऊ। उत्तर प्रदेश में के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि घरौनी से गांवों में सम्पत्ति के विवादों में कमी आयेगी। ग्राम पंचायतों की आय बढ़ेगी। ग्राम पंचायतें रोजगार सृजन का साधन बनेंगी। ग्रामीणो को घरौनी के आधार पर आसानी से ऋण मिल सकेगा।
‘लंबी रैलियां मिलीं, मुझे और निरंतर होना होगा’, क्वार्टर फाइनल में हार के बाद बोलीं पीवी सिंधू
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य प्रयागराज में घरौनी वितरण कार्यक्रम में सम्मिलित होकर लाभार्थियों को सम्बोधित किया व घरौनी वितरण किया। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शनिवार को स्वामित्व योजना के अन्तर्गत ग्रामीण आवासीय अधिकार अभिलेखों (घरौनी) के डिजिटल वितरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बोधन व लाभार्थियों से संवाद कार्यक्रम को प्रयागराज में आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित होते हुए सुना व मार्गदर्शन प्राप्त किया।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से गाँव-गरीब अपने घरों के स्वामित्व का अधिकार प्राप्त करते हैं। यह न केवल बैंक ऋण प्राप्त करने में मदद करता है, बल्कि भूमि विवादों को कम करने और महिलाओं को संपत्ति में उनके अधिकार सुरक्षित करने में भी सहायक है।
आज का दिन देश के गांवों के लिए, ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ही ऐतिहासिक है। यह सिर्फ एक दस्तावेज ही नही है बल्कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का इससे प्रगति का रास्ता भी खुल रहा है। इससे लोगो को अपनी सम्पत्ति का अधिकार मिला है। जिससे विभिन्न प्रकार की बैंकिंग सेवाएं प्राप्त कर ग्रामीण लोग जीविका के नये साधन सृजित कर पा रहे है। गांवो में सम्पत्ति को लेकर आपसी झगड़े कम हो रहे है। अपनी आबादी भूमि पर मालिकाना हक पाकर लोग अपना आर्थिक विकास करने में सक्षम हो रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण जनों की आर्थिक, शैक्षिक व सामाजिक स्थिति सुधारने के लिए सरकार द्वारा बहुत ही प्रभावी कदम उठाए गए हैं। हमारी ग्राम पंचायतें रोजगार के सृजन का साधन बन सकें, ऐसे प्रयास निरंतर किये जा रहे हैं। घरौनी से ग्राम पंचायतो के आय के स्रोतों में वृद्धि होगी।
होम क्रेडिट इंडिया: भारत की वित्तीय ज़रूरतों को भरोसे और पारदर्शिता के साथ पूरा कर रहा
संगम तट पर महाकुंभ 2025 मेला क्षेत्र में आयोजित “महाकुम्भ मेगा कॉन्क्लेव” में सम्मिलित होकर अपने विचार व्यक्त किया। कहा कि प्रयागराज महाकुम्भ धर्म, संस्कृति और परम्परा का अद्भुत संगम है, जहां संस्कृतियों, परम्पराओं और भाषाओं का एक जीवंत मिश्रण है। तीर्थनगरी प्रयागराज का महाकुम्भनगर आस्था के प्रकाश से प्रदीप्त हो रहा है। त्रिवेणी तट पर पूज्य साधु-संतों की उपस्थिति से श्रद्धालुओं में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हो रहा है।
आस्था और आधुनिकता के अद्भुत समागम ‘डिजिटल महाकुम्भ’ की दिव्य अनुभूतियों के लिए आप सभी प्रयागराज अवश्य पधारें।महाकुम्भ-2025, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक एकता और समरसता का अद्वितीय महासमागम है, जहां भारत के विभिन्न जाति और प्रदेशों से लोग एक साथ स्नान करके ‘अनेकता में एकता’ का संदेश दुनिया को देते हैं।