अमेरिका की दवा कंपनी इनसिस थेराप्यूटिक्स ने दिवालिया होने की अर्जी दाखिल की है. कंपनी अपने सभी असेट्स बेचेगी. उसने सोमवार को यह जानकारी दी.अमेरिका में ऑपिओइड क्राइसिस के दोषी भारतीय मूल का जॉन नाथ कपूर (76) इनसिस का फाउंडर है.
- अमेरिका में दर्द निवारक दवाओं के ओवरडोज से हजारों लोगों की मृत्यु के मुद्दे में न्यायालय ने पिछले महीने निर्णय सुनाया था. लोगों को बिना आवश्यकता के हैवी डोज वाली दर्द निवारक दवाएं देने की साजिश रचने व ऐसी दवाएं लिखने के लिए डॉक्टर्स को घूस देने के मुद्दे (नेशनल ऑपिओइड क्राइसिस) में कपूर व 4 पूर्व अधिकारियों को बॉस्टन की न्यायालय ने दोषी ठहराया था. कपूर समेत अन्य दोषियों को 20 वर्ष तक की सजा सुनाई गई थी.
- धोखाधड़ी के मुद्दे में इनसिस ने पिछले सप्ताह 22.5 करोड़ डॉलर (1567 करोड़ रुपए) में न्याय विभाग के साथ सेटलमेंट किया था. यह रकम चुकाने के लिए कंपनी दिवालिया होना चाहती है.
- इनसिस ने 2012 से 2015 तक डॉक्टरों को घूस देकर अपनी दर्दनिवारक स्प्रे सबसिस मरीजों को दिलवाई जबकि उन्हें इसकी आवश्यकता नहीं थी. सबसिस बनाने में फेंटानिल का प्रयोग किया जाता है जो मॉर्फिन से भी 50 से 100 गुना हैवी डोज होता है. यह दवा लाइलाज कैंसर के मरीजों को दी जाती है. लेकिन, इनसिस कंपनी ने मुनाफा कमाने के लिए सामान्य दर्द वाले मरीजों को भी यह दवा बेची थी.
- 2012 में इनसिस की बिक्री 86 लाख डॉलर थी. लोगों की जान से खिलवाड़ करने की स्ट्रैटजी से 2015 में बिक्री 32.9 करोड़ डॉलर पहुंच गई. इतने भारी मुनाफे के चलते कंपनी को 2013 में आईपीओ लाने में भी मदद मिली थी.
- इनसिस का फाउंडर कपूर मार्केटिंग स्ट्रैटजी देखता था. उसने न्यूयॉर्क के दो डॉक्टर्स को 2.60 लाख डॉलर (1.81 करोड़ रुपए) का भुगतान किया था. उन डॉक्टर्स ने 2014 में 60 लाख डॉलर (41.79 करोड़ रुपए) मूल्य की सबसिस दवा लिखी थी.
- अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक पेनकिलर ड्रग्स के ओवरडोज की वजह से 2017 में अमेरिका में 48,000 लोगों की मृत्यु हुई थी. बीते 2 दशक में इससे 4 लाख लोगों की जान जा चुकी है.