भारतीय रेलवे यात्रियों की सहूलियत के लिए निरंतर कई प्रयास करता रहता है। ट्रेन में यात्रा करने के दौरान यात्रियों को लगने वाले झटकों से निजात दिलाने के लिए रेलवे काम कर रहा है। रेलवे अब यात्रा के दौरान ट्रेन के डिब्बों को जोड़ने के लिए नए हुक का प्रयोग करेगा। शुरुआती चरण में प्रिमियम ट्रेनों को नए हुकों से जोड़ा जाएगा। जिससे कि यात्रियों को यात्रा के दौरान कोई दिक्कत न हो। इसके लिए ट्रेन में जर्मन-मेड लिंक-हॉफमैन-बस (एलएचबी) कोच लगाया जाएगा। मंत्रालय चाहता है कि इन कोचों को जोड़कर यात्रा को और अधिक सुविधाजनक बनाया जाए।
रेलवे 20 साल पुराने सेंटर बफर कपलर (सीबीसी) को हटाकर नए वर्जन लेकर आएगी। नए वर्जन के इस सीबीसी के जरिए अब ट्रेन के कोच को एक दूसरे के साथ जोड़ा जाएगा जिससे की चलती ट्रेन में मुसाफिरों को झटका न लगे। अब CBCs में सिंगल पैक ड्राफ्ट गियर या फ्लोटिंग प्लेट ड्राफ्ट गियर की जगह बैलेंस्ड ड्राफ्ट गियर लगाए गए हैं। पुराने CBCs में इंटरनल मूवमेंट की वजह से झटके लगते थे, नए बैलेंस ड्राफ्ट गियर में शॉक-एब्जॉर्वर्स लगे हुए हैं। दो कपलर्स के बीच टूट-फूट की वजह से कोई गैप न बने, इसके लिए इंजीनियर्स ने उनमें तहें लगा दी हैं. RDSO को नए डिजाइन पर काम करने को कहा गया है जिससे टूट-फूट का असर भी न पड़े।
इस पूरी कवायद में दो साल लगे। प्रति कोच करीब 5 लाख रुपये का खर्च आया. इसके अलावा रेलवे वंदेभारत एक्सप्रेस की तर्ज पर सेमी-ऑटोमेटिक कपलिंग्स के इस्तेमाल की योजना बना रहा है। अब ड्राइवर्स को निर्देश दिए गए हैं कि वे 30 किलोमीटर प्रतिघंटा से ज्यादा रफ्तार पर रीजेनेरेटिव/डायनैमिक ब्रेकिंग का इस्तेमाल करें।
ट्रेन ड्राइवर्स को तेज रफ्तार पर एयर-ब्रेक्स का इस्तेमाल करने से मना किया गया है। इसमें कोचेज के ब्रेक्स भी लग जाते हैं। ड्राइवर्स को इंजन की रीजेनेरेटिव/डायनैमिक ब्रेकिंग का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने की हिदायत दी गई है।
मंत्रालय अप्रैल तक पुराने हुकों को वापस ले लेगा। रेलवे बोर्ड रोलिंग स्टॉक के सदस्य राजेश अग्रवाल ने बताया, ”रोलिंग स्टॉक टीम के सदस्य अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन, जोन्स, और बोर्ड के साथ मिलकर इस हुक के डिजाइनों की समीक्षा की।
इस दौरान टीम के सदस्यों ने इस बात पर भी बात की झटके को चलती ट्रेन के दौरान कैसे कम किया जाए या रोका जाए।” उन्होंने बताया कि राजधानी एक्सप्रेस, और शताब्दी ट्रेनों में जनवरी तक नया हुक लग जएगा। रेलवे वोर्ड के सदस्य ने बताया कि शुरुआत में इन ट्रोनें को प्राथमिक्ता दी जाएगी। इसके अलावा जल्द ही कई और ट्रेनों को इस सुविधा से लैस किया जाएगा।