दिल्ली एनसीआर में अपने घर के लिए दर दर की ठोकरें खा रहे फ्लैट खरीददारों के लिए सुप्रीम कोर्ट से राहत भरी खबर आई है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि सरकार को चाहिए कि सरकारी फ्लैट खरीददारों को मदद करने के लिए आगे आये और उनके हक़ में ऐसा प्रस्ताव लाये जिससे उनके हितों की रक्षा हो सके और फ्लैट खरीदारों की समस्या का समाधान हो सके। जेपी इंफ्रा के फ्लैट खरीदारों की अर्जी पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा कि आप एक ऐसा प्रस्ताव क्यों नही लाते ताकि फ्लैट खरीदारों की समस्या का समाधान हो जाए!
जेपी इन्फ्रा के अलावा और भी कई बिल्डर्स के प्रोजेक्ट में फ्लैट ख़रीदकर फंसे खरीददारों की समस्या पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह केवल जेपी के मामले में ही नहीं बल्कि कई बिल्डरों के मामलों में फ्लैट खरीदारों के पैसे फंसे हुए हैं। कोर्ट ने केंद्र सरकार से दो दिन में ऐसा प्रस्ताव लाने को कहा है। अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी। दरसअल जेपी इंफ्रा के फ्लैट खरीदारों ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि अगर जेपी को दिवालिया घोषित किया जाता है तो सबसे पहले बैंक अपना पैसा वापस लेंगे, हमें कुछ नहीं मिलेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने माना कि 180 और 90 दिनों की मियाद पूरी हो चुकी है इसलिए आईबीसी के प्रावधान के मुताबिक लिक्विडेशन की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि फ्लैट खरीदारों के हित में जरूरी है कि वह आगे आए और राहत दिलाए। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि आईबीसी फ्लैट खरीदारों के हितों की रक्षा में सक्षम नहीं है। कोर्ट ने सरकार से कहा कि फ्लैट खरीदारों को कैसे राहत दी जा सकती है, इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार किया जाए। इस निर्देश के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 11 जुलाई रखी है।