पूर्व बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने मंगलवार को कहा है कि विश्व कप फाइनल में विजेता टीम का फैसला करने के लिए दूसरा सुपर ओवर कराया जाना चाहिए था न कि विजेता का फैसला इस बात पर किया जाना चाहिए था कि किसने ज्यादा बाउंड्रीज मारीं। बीते रविवार को इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया फाइनल मैच में मैच टाई रहा था और इसके बाद सुपर ओवर किया गया था, लेकिन यहां भी मैच टाई रहा और विजेता का फैसला इस आधार पर निकला कि किस टीम ने ज्यादा बाउंड्रीज लगाई हैं।
तेंदुलकर ने 100एमबी से कहा, “मुझे लगता है कि विजेता का फैसला दोनों टीमों में से किसने ज्यादा बाउंड्रीज लगाई हैं इसके बजाए एक और सुपर ओवर कराकर किया जाना चाहिए था। सिर्फ विश्व कप का फाइनल नहीं, हर मैच अहम होता है, जैसा की फुटबाल में जब मैच अतिरिक्त समय में जाता है तो कुछ और मायने नहीं रखता।”
तेंदुलकर से पहले भारतीय टीम के उप-कप्तान रोहित शर्मा ने भी बाउंड्रीज के आधार पर जीत दिए जाने के नियम की आलोचना की थी।
वहीं सेमीफाइनल में हार कर बाहर हो जाने के बाद भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने कहा था कि विश्व कप में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की तर्ज पर नॉकआउट किए जाना एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है क्योंकि इससे शीर्ष-2 टीमों को हार के बाद एक और मौका मिलता है। तेंदुलकर ने कोहली की बात में हामी भरी है और कहा है कि जिन टीमों ने लीग दौरा का अंत शीर्ष-2 में रहते हुए किया उन्हें निश्चित तौर पर मौका मिलना चाहिए।
सचिन ने कहा, “मुझे लगता है कि शीर्ष दो में रहते हुए लीग दौर का अंत करने वाली टीमों को टूर्नामेंट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने का फायदा मिलना चाहिए।” तेंदुलकर ने साथ ही महेंद्र सिंह धोनी के सेमीफाइनल मैच में बल्लेबाजी क्रम में ऊपर आने की बात को दोहराया है।
पूर्व कप्तान ने कहा, “मैं धोनी को उनके नियमित स्थान नंबर-5 पर भेजता। भारत जिस तरह की स्थिति में था और जिस तरह का अनुभव उनके पास है उसके साथ उन्हें पारी बनाने के लिए समय चाहिए। हार्दिक पांड्या नंबर-6 पर बल्लेबाजी कर सकते थे और दिनेश कार्तिक नंबर-7 पर।”