दिल्ली की सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहीं कांग्रेस पार्टी की फायर बिग्रेड नेता शीला दीक्षित का शनिवार दोपहर 3.55 बजे एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। 81 वर्षीय शीला दीक्षित लंबे समय से दिल से संबंधित बीमारी से जूझ रही थीं। उनके निधन के बाद सियासी गलियारे में शोक की लहर छा गई। शाम 6 बजे उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शनों के लिए उनके निजामुद्दीन स्थित आवास लाया गया।कांग्रेस ऑफिस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा पार्थिव शरीर
पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी तक श्रद्धांजलि देने उनके आवास पर पहुंचे। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने उनके निधन पर दो दिन का राजकीय शोक घोषित कर दिया। जिसकी घोषणा खुद उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने की। साथ ही राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार करने का निर्णय किया है।उनका पार्थिव शरीर उनके आवास से रविवार प्रातः काल 11.30 बजे कांग्रेस पार्टी दफ्तर के लिए रवाना किया जाएगा। यहां 12.15 बजे से 1.30 बजे तक अंतिम दर्शनों के लिए रखा जाएगा। इसके बाद पार्थिव शरीर को निगमबोध घाट ले जाया जाएगा, जहां 2.30 बजे उनका अंतिम संस्कार होगा।
शहीदों की याद में होने वाला प्रोग्राम एक दिन के लिए स्थगित
शीला दीक्षित के निधन के बाद करगिल शहीदों की याद में होने वाला प्रोग्राम एक दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है। पहले यह प्रोग्राम इंडिया गेट पर 21 जुलाई की शाम 7.30 से 8.30 बजे के बीच होना था। इसमें ट्राई सर्विस बैंड परफॉर्मेंस होना था। हालांकि, रविवार को विजय चौक से इंडिया गेट तक प्रातः काल 6 बजे से करगिल विजय रन प्रोग्राम में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।
‘रूस व हिंदुस्तान के दोस्ताना संबंधों में निभाई अहम भूमिका’
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि देने के लिए शनिवार शाम को उनके आवास पहुंचे। वहीं, लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व कांग्रेस पार्टीनेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उनके अंतिम दर्शनों के लिए पहुंचे। इनके अतिरिक्त रूसी दूतावास ने ट्वीट कर शीला दीक्षित के निधन पर दुख जताया। दूतावास ने बोला कि शीला दीक्षित ने दोनों राष्ट्रों के दोस्ताना संबंधों में अहम किरदार निभाई।