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पेंशन योजना की मंजूरी के अलावा इन फैसलों से जगाई नयी उम्मीदें…

30 मई को मोदी 2.0 सरकार ने शपथ ली ना जीत का जश्न मना और ना ही थका देने वाले चुनाव प्रचार के बाद किसी को आराम मिला प्रधानमंत्री मोदी ने एक ही संदेश दिया कि जनता ने भरोसा जताया है, तो उस पर खरा उतरने के लिए पूरी ताकत लगानी है अब 50 दिन सारे हो चुके तो ये साफ नजर आने लगा है कि सरकार मतलब सिर्फ कार्य है  सरकारी योजनाओं का फायदा इन तक पहुंचाना है, जो विकास की राह में पीछे छूट गए थे 31 मई को केंद्रीय मंत्रिमंडल की पहली मीटिंग भी हुई मीटिंग से अच्छा पहले पीएम मोदी ने अपने इस कार्यकाल के पहले निर्णय पर दस्तखत किए ये निर्णय भी जुड़ा था आतंकवादी नक्सल हमले में शहीद प्रदेश के पुलिस अधिकारियों के बच्चों की छात्रवृत्ति से पीएम स्कालरशिप योजना में बड़ा परिवर्तन करते हुए शहीद अधिकारियों के बच्चों को 2000 से बढ़ाकर 2500 कर दी गई लड़कियों के लिये 2250 से 3000 रुपये प्रति महीने कर दी गई

इस प्रोग्राम को हरी झंडी दिखाने कब बाद 31 मई को ही प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी कैबिनेट की मीटिंग में पहुंचे, तो एजेंडा देख कर सबको समझ में आ गया कि अब पूरा का पूरा फोकस रहेगा गांव, गरीब  किसान पर है एजेंडा पर सबसे ऊपर था छोटे  मार्जिनल किसानों के लिए पेंशन योजना आने वाले तीन सालों में 5 करोड़ किसानों को सोशल सिक्योरिटी स्कीम के तहत लाने की ये महत्वाकांक्षी योजना वाक़ई एक क्रांतिकारी कदम था किसानों के खाते में 2000 रुपये डालने की योजना के विस्तार का भी निर्णय लिया गया अब लक्ष्य है 14.5 करोड़ गरीब किसानों को मदद पहुंचना

व्यापारियों के लिए पेंशन योजना को मंजूरी
इसी पहली कैबिनेट में व्यापारियों के लिए पेंशन योजना को मंजूरी दी गई  साथ ही नयी राष्टीय एजुकेशन नीति के ड्राफ्ट को भी अडॉप्ट कर लिया गया जून महीने में तो कैबिनेट में एक से एक निर्णय हुए अनुसूचित जाति  जनजाति के लड़कों को कौशल विकास के लिए जन शिक्षण संस्थान में ट्रेनिंग के लिए फीस माफ कर दी गई पौधा लगाने के लिए जनांदोलन प्रारम्भ किया गया सेल्फी विथ सैपलिंग के नाम से अभियान प्रारम्भ हुआ, जिसमें स्कूली बच्चों को जोड़ने का भी प्रोग्राम शामिल था
बजट 2019 में भी 50 खरब अमरीकी डॉलर की अर्थव्यवस्था की बुनियाद रखी गई यानी इन 50 दिनों में कुल मिलाकर सरकार का जोर जिन बातों पर रह है उन्हें इन पैमानों में बांटा जा सकता है 

* सभी का सशक्तीकरण

*व्यापार को बढ़ावा

*किसानों की आय दोगुनी करना

*बुनियादी ढांचे  निवेश पर ध्यान केन्द्रित करना

*बैंकिंग  वित्तीय क्षेत्र को बढ़ावा

*एनआरआई जो भारतीय पासपोर्ट रखते हैं उन्हें हिंदुस्तान पहुंचते ही आधार कार्ड देना

*तीन तलाक़ के विरूद्ध मुस्लिम स्त्रियों के अधिकारों को मजबूत करना

* जनता का पैसे का दुरुपयोग करने की कुप्रवृत्ति पर रोक लगाया गया है एजेंडा है गरीबों को बिटिया ढोकधारियों से बचना भ्रष्ट अधिकारियों को निकाल गया, बेईमान द्योपतियों को खदेड़ा गया, करप्शन के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी गई

* 58 अनुपयोगी कानूनों को खत्म किया गया है 2014 से अब तक 1000 से ज्यादा ऐसे कानून निरस्त

कश्मीर को दी प्राथमिकता
पहले 50 दिनों में कश्मीर को भी ख़ूब अहमियत दी गई है यहां अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर रह रहे नागरिकों को रिज़र्वेशन का फायदा देने की लिये कैबिनेट ने प्रस्ताव पारित किया फिर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन बढ़ाया गया खुद अमित शाह प्रदेश का दौरा कर के लौटे जहां न कोई बन्द की कॉल आयी  न ही कोई बवाल मचा अलगाववादियों  भ्रष्टाचारियों पर चोट की गई है यानी शांति की प्रक्रिया आगे बढ़ने में एक सोची समझी रणनीति के तहत नरेन्द्र मोदी सरकार कश्मीर की नीति पर आगे बढ़ रही है

स्पेस में नयी छलांग
सोमवार को चंद्रयान-2 के लॉन्च की तैयारी पूरी हो चुकी हैं 13 जून को ही इसरो के चेयरमैन ने गंगायान, देश की पहली मानव की स्पेस फ्लाइट जो 2022 में उड़ेगी, चंद्रयान-2, आर्य  वीनस के लिए मिशन का ऐलान कर नरेन्द्र मोदी सरकार का विज्ञान-तकनीकी की दिशा में विश्वगुरु बनाने का एजेंडा भी साफ हो गया

मोदी सरकार की विदेश नीति
विदेश नीति में भी प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी का पूरा जोर रहा है पीएम पाक को अलग थलग करने  श्रीलंका जैसे पड़ोसी राष्ट्रों को घावों पर मलहम लगाने में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद  उन्हें पनाह देने वालों के विरूद्ध हर फोरम पर आवाज उठाते रहे हैं आपदा प्रबंधन के लिए पूरी संसार को एकजुट होने का संदेश भी प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने ही दिया जिसे बहुत ज्यादा सराहा भी गया था

चुनाव नतीजे से पहले ही बना लिया था एजेंडा
100 दिनों के कार्य काज की रूप रेखा तो मोदी ने चुनावी नतीजे आने से पहले ही बना ली थी सभी फोकस सेक्टर के सचिवों ने शपथ ग्रहण के पहले तक ही अपना होम वर्क तैयार कर लिया था अब 50 दिन के बाद चल रहा है तमाम कार्य काज का रिव्यु मंत्रियों  सचिवों के लिए राहत की कोई बात बची ही नहीं न कोई हॉलीडे  न ही कोई वीकली ऑफ अब समझ में आ गया है कि समाज सेवा में आये हैं, तो अपना 100 प्रतिशत देना ही पड़ेगा 2022 ने नयी इंडिया के मिशन को पूरा करने में सब लग गए हैं

इन दिनों प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी कम से कम नज़र आए है संसद का सत्र चल रहा है लिहाजा ज्यादा समय वे संसद भवन में नजर आते हैं प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी  अमित शाह का ही प्रताप है कि सांसद तो सांसद केन्द्र सरकार के मन्त्रियों भी अब प्रातः काल से शाम संसद में ही दिख रहे है सदन में बैठने के  कार्य काज के नए रिकॉर्ड बन रहे हैंयहां तक कि कैबिनेट की बैठकें भी संसद भवन परिसर में ही हो रही है

अगर बात भाजपा सरकार की हो रही हो तो संगठन भी अछूता कैसे रह सकता है पीएम ने हर शक्ति केन्द्र यानी मतदान केंद्रों पर 5 पौधे लगाने का जो लक्ष्य तय किया है उससे पूरा करने में मंत्री से लेकर कार्यकर्ता भी लग गए हैं सदस्यता अभियान के बहाने देश के कोने कोने में पार्टी पहुंच रही है ऐसे में जब कांग्रेस पार्टी से लेकर तमाम विपक्षी दल अपने बिखरे तिनके भी नही जोड़ पा रहे, भाजपा अगली जंग की तैयारी में लग गयी है
बात सिर्फ 50 दिन की नहीं है  न ही 2024 के चुनावों की, प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक ऐसी लकीर खींच दी है जिसके इर्द गिर्द पहुंचना भी वैसे किसी के भी वश के बाहर की बात नजर आ रही है इसका लाभ कतार में खड़े आखिरी आदमी का हो रहा है  देश तेजी से  मजबूत होता जा रहा है

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