गोरखपुर. गोरखनाथ मंदिर में कैंप कार्यालय में लगने वाले जनता दरबार में पहुंचे 78 वर्षीय मौलाना अजीमुल्लाह ने गुहार लगाते हुए मांग किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनकी बेटी और उसके चार बच्चो को उनका हक दिलाएं।
बीते तेरह वर्षों से यातना सह रही उनकी बेटी और उसके बच्चो को अब मुख्यमंत्री से ही उम्मीद बची है। जहां वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय के कर्मचारीयों ने आवश्यक कार्रवाई का भरोसा दिया। बांसगांव थाना क्षेत्र के गांव टीयर से मुख्यमंत्री के जनता दरबार में आये मौलाना अजीमुल्लाह ने कहा कि 1993 में उन्होने अपनी बेटी का निकाह मोहम्मद शफीक पुत्र शराफत अली निवासी टीनिया थाना बांसगांव के साथ किया था।सालों लड़की के ससुराल वाले उसका दहेज के लिए उत्पीड़न करते रहे। वर्ष 2003 में ससुरालियों ने उनकी बेटी को बच्चो समेत घर से बाहर निकाल दिया। पति शफीक ने भी अपने परिजनों का ही साथ दिया। तब से अजीमुल्लाह की बेटी फैजुल हसन मायके रह रही है,जहां शफीक भी कभी कभार कुछ दिन आकर रहता है लेकिन उसके परिजन जबरन उसे ले जाते हैं। शफीक ने फैजुल को तलाक भी नही दिया है। उसके चार बच्चो अकसर रजा(22),कौसर रजा(6),फिरदौस बानो(13)और रेहान रजा(9)के लालन-पालन की जिम्मेदारी भी अजीमुल्लाह पर ही है।
उनकी बेटी ने मांग की है कि उसे और उसके बच्चो को शौहर के पैतृक मकान में हक दिलाया जाय। फैजुल ने बताया कि जब कभी भी इस मामले पर बात करने व्व लोग ससुराल जाते हैं तो ससुरालियों की शिकायत पर पुलिस भी उनका उत्पीड़न करती है। फैजुल के मुताबिक इस प्रकरण में उनका संपत्ति में हिस्सा का मामला न्यायालय में लंबित भी है। दोनों बाप-बेटी ने उपस्थित अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है।
रिपोर्ट: रंजीत जयसवाल