संयुक्त राष्ट्र की बाल अधिकारों के लिए काम करने वाली एजेंसी यूनिसेफ ने कहा है कि दो वर्ष की अवधि में दुनियाभर से तीन लाख से अधिक बच्चों ने अकेले पलायन किया और यह चलन तेजी बढ़ रहा है जिसकी वजह से कम उम्र के अनेक शरणार्थी गुलामी और वेश्यावृत्ति के दलदल में धंसने को मजबूर हैं। यूनिसेफ ने कहा कि इनमें से 1,70,000 बच्चों ने वर्ष 2015..16 में यूरोप में शरण ली। इनमें से अनेक शरणार्थी भूमध्य सागर की दुर्गम यात्रा कर पहुंचे जहां एक अनुमान के मुताबिक पिछले वर्ष सैकड़ों बच्चों की डूबकर मौत हो गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2016 और वर्ष 2017 की शुरूआत में इनमें से लगभग 92 फीसदी लड़के और लड़कियां नौकाओं में सवार होकर इटली आए। ये अकेले ही यात्रा पर आए या फिर यात्रा के दौरान अपने परिजनों से बिछड़ गए। यूनिसेफ के मुताबिक ये बच्चे मुख्यतः एरिट्रिया, गाम्बिया, नाइजीरिया, मिस्र और गिनी जैसे अफ्रीकी देशों से आए।
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