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BWF में पहला स्वर्ण पदक दिलाने वाली PV सिंधु को PM मोदी ने किया सम्मानित

पीवी सिंधु ने बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप-2019 के फाइनल में पहुंच विश्व की चौथे नंबर की खिलाड़ी नोजोमी ओकुहारा (जापान) को हराकर BWF चैम्पियनशिप में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया।

पीवी सिंधु ने नोजोमी ओकुहारा को सीधे गेमों में 21-7, 21-7 से हराकर महिला एकल खिताब जीता। यह मुकाबला 37 मिनट तक चला।

पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा- भारत को गर्व है कि उनके पास पीवी सिंधु जैसे चैंपियन है जो स्वर्ण पदक भारत लाए है।पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा उन्हे पीवी सिंधु से मिलकर खुशी हुई और उसे बधाई देते हुए भविष्य के प्रयासों के लिए उसे शुभकामनाएं दीं

साल 2017 और 2018 में रजत और 2013 व 2014 में कांस्य पदक जीत तर सिंधु ने गेम में अच्छी शुरुआत की थी और 5-1 की बढ़त बनातो हुए इसके बाद 12-2 से आगे हो गईं। सिंधु ने इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। भारत की इस खिलाड़ी ने 16 मिनट में पहला गेम अपने नाम किया।

व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद इस 24 वर्षीय खिलाड़ी के चेहरे पर मुस्कान थी तथा उन्होंने हवाई अड्डे पर मौजूद समर्थकों और मीडिया को पूरी तवज्जो दी। सिंधू से एक साथ कई सवाल पूछे गये, उन्होंने कहा, ‘मैं वास्तव में खुश हूं। मुझे अपने देश पर बहुत गर्व है। इस जीत का लंबे समय से इंतजार था और मैं इससे बहुत खुश हूं।’ उन्होंने कहा, ‘यह अहसास अब भी बना हुआ है और हमें जश्न मनाने का खास मौका नहीं मिला क्योंकि मैच के बाद हम जल्दी वापस आ गये और फिर अगले दिन हमने भारत के लिये उड़ान पकड़ ली।

इस हैदराबादी को विश्व चैंपियन बनने के बाद विश्राम का कम समय मिला। आज वह खेल मंत्री कीरेन रीजीजू से मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने जाएंगी। सिंधू से पूछा गया कि अब ओलंपिक में एक साल से भी कम समय रह गया है तब उनकी क्या योजनाएं हैं, उन्होंने कहा, ‘मैं कड़ी मेहनत करूंगी और अधिक से अधिक पदक जीतने की कोशिश करूंगी।’ सिंधू ने पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान भावुक पलों को भी बयां किया।

जब राष्ट्रगान बज रहा था तो उनकी आंखों में आंसू छलक आये थे। वह इससे पहले विश्व चैंपियनशिप में दो बार रजत और दो बार कांस्य पदक जीत चुकी थी। उन्होंने कहा, ‘मेरे आंसू निकल आये और भावनाएं मुझ पर हावी थी। यह मेरे लिये शानदार क्षण था। मेरे सभी प्रशंसकों का आभार। आपकी दुआओं से ही यह संभव हो पाया। मैं अपने कोच गोपी सर और किम (जी ह्यून) का आभार व्यक्त करना चाहूंगी। उन्होंने काफी प्रयास किये और मेरे खेल में कुछ बदलाव किये। ’

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