जम्मू कश्मीर में आतंकी संगठनों की ओर से घाटी के लोगों को स्कूल और दुकानें न खोलने के लिए धमकी दी गई है। सेना की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक जगह-जगह पोस्टर्स लगाकर लोगों को धमकाया जा रहा है। महिलाओं को भी आतंकी संगठनों ने धमकी दी है और उन्हें घर से बाहर न निकलने के लिए कहा गया है।
आतंकी संगठनों की ओर से यह धमकी भारत सरकार की ओर से पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के फैसले के बाद दी गई है। घाटी में इस समय सुरक्षा व्यवस्था पहले से ज्यादा कड़ी है और ज्यादातर हिस्सों में टेलीफोन भी बंद हैं। सेना के अधिकारियों की ओर से कहा गया है कि घाटी में हिजबुल मुजाहिद्दीन और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों की तरफ से पोस्टर्स लगाए गए हैं। हिजबुल मुजाहिद्दीन के एक पोस्टर को कुलगाम जिले से बरामद किया गया है।
स्थानीय लोगों को अपनी गाड़ियों तक को सड़क पर न निकालने की धमकी तक दी गई है। एक पोस्टर में लिखा हुआ है, ‘हमारे पर कुछ प्राइवेट व्हीकल्स के रजिस्ट्रेशन नंबर हैं जो अभी तक सड़कों पर हैं और हम उनके मालिकों को एक आखिरी चेतावनी देना चाहेंगे।’ इस पोस्ट में आगे लिखा है, ‘कोई भी स्कूल नहीं खुलने चाहिए और कोई भी महिला सड़क पर नजर नहीं आनी चाहिए। अपनी महिलाओं को अपने घर के अंदर ही रखें।’ अधिकारियों ने बताया कि व्यापोरियों को भी पिछले दो हफ्तों में इस तरह की धमकी दी गई है। 21 अगस्त को तीन आतंकियों ने अनंतनाग के ऐशमुकाम मार्केट में दुकानें खोलने पर व्यापारियों को धमकाया था।
इसी दिन पुलवामा में भी व्यापारियों को आतंकियों ने धमकाया था। पुलवामा में आतंकियों ने फल व्यापारियों को धमकाया था और कहा था कि फल, कश्मीर से बाहर नहीं भेजे जाने चाहिए। इसी तरह से 27 अगस्त को आतंकियों ने दुकानों में आग लगाने तक की धमकी दी थी। श्रीनगर के पारिमपोरा इलाके में जब एक व्यापारी ने दुकान खोली तो बाइक सवार कुछ आतंकियों ने उन पर फायरिंग की थी। 65 वर्षीय इन व्यापारी का नाम गुलाम मोहम्मद था और अस्पताल में इलाज के दौरान इनकी मृत्यु हो गई।