वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ ने आज पठानकोट स्थित वायु सेना के अड्डे पर आयोजित एक कार्यक्रम में अमेरिका निर्मित आठ ‘अपाचे एएच64ई’ हेलिकॉप्टर को वायु सेना में शामिल किया। पानी की बौछारों से सलामी देकर एयरक्राफ्ट्स को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया। अमेरिकी वायुसेना के बेड़े में शामिल इन हेलिकॉप्टर्स को अटैक के मामले में दुनिया में सबसे ताकतवर माना जाता है।
अबतक भारतीय वायुसेना को कुल 12 ‘अपाचे हेलिकॉप्टर’ मिल चुके हैं। भारत ने सितंबर 2015 में अमेरिकी सरकार और बोइंग कंपनी के साथ कुल 22 ‘अपाचे हेलिकॉप्टर’ समझौता किया था। भारतीय वायुसेना को 4 अपाचे हेलिकॉप्टर की पहली खेप 27 जुलाई को मिली थी। इसके बाद 8 अपाचे हेलिकॉप्टर 2 सितंबर को भारत आए। बताया जा रहा है कि साल 2020 तक वायुसेना को सभी 22 हेलिकॉप्टर मिल जाएंगे। बता दें कि अपाचेदुनिया के सबसे उन्नत बहु-भूमिका वाले लड़ाकू हेलीकॉप्टर है और अमेरिकी सेना इसका इस्तेमाल करती है।
अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर की खासियत-
– भारतीय वायुसेना में अपाचे पहला ऐसा हेलिकॉप्टर है जो मुख्य रूप से हमला करने का काम करेगा।
– अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर दुश्मन की किलेबंदी को भेदकर और उसकी सीमा में घुसकर हमला करने में सक्षम है।
– यह हेलिकॉप्टर 293 किमी प्रति घंटा उड़ सकता है तथा एजीएम-114 हेलिफायर मिसाइल से लैस है।
– ये अपाचे हेलीकॉप्टर्स दिन रात और किसी भी मौसम में ऑपरेशन कर सकते हैं।
– ऊंचे पहाड़ों में बने आतंकी कैंपों और दुश्मन सेना के ठिकानों पर ये हमला करने में सक्षम हैं।
– अपाचे एक बार में पौने तीन घंटे तक उड़ सकता है।
– अपाचे हेलीकॉप्टर को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसे रडार पर पकड़ना मुश्किल हो सकता है।
– हेलीकॉप्टर में लगे रायफल में एक बार में 30 एमएम की 1,200 गोलियां भरी जा सकती हैं।
– अपाचे में 16 एंटी टैंक मिसाइल छोड़ने की क्षमता है।
– 4.5 किलोमीटर दूर से एक साथ 128 टारगेट पर अटैक कर सकता है।