नई दिल्ली। देशभर में देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की 144वीं जयंतमनाई जा रही है। सरदार पटेल को लौह पुरुष के नाम से जाना जाता है। हर साल इस दिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस मौके पर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने पटेल को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद शाह ने दिल्ली के नेशनल स्टेडियम में रन फॉर यूनिटी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर केवड़िया स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
रन फ़ॉर यूनिटी कार्यक्रम में पहुंचे शाह ने कहा, 70 साल हो गए लेकिन किसी ने अनुच्छेद 370 को छूना भी मुनासिब नहीं समझा। 2019 में देश की जनता ने फिर से एक बार मोदी जी को देश का प्रधानमंत्री बनाया और 5 अगस्त को देश की पार्लियामेंट ने 370 और 35ए को हटाकर सरदार साहब का अधूरा स्वप्न पूरा करने का काम किया। प्रधानमंत्री मोदी ने 182 मीटर का स्टैच्यू बनाकर सरदार पटेल के काम को दुनिया के सामने पेश किया और उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी।
अमित शाह ने कहा, देश को 550 से ज्यादा रियासतों में देश को बांटने का काम अंग्रेजों ने किया था। पूरा देश और दुनिया मानती थी कि भारत को आजादी तो मिली लेकिन भारत कई टुकड़ो में बिखर गया। लेकिन सरदार वल्लभ भाई पटेल ने एक के बाद एक करके रियासतों को देश के साथ जोड़ने का काम किया। सरदार पटेल ने 550 से ज्यादा रियासतों को एक करके देश को अखंड बनाया, लेकिन उनकी तब जम्मू को भारत से जोड़ने की कसक अधूरी रह गयी थी। “जम्मू कश्मीर का भारत के साथ विलय तो हुआ मगर अनुच्छेद 370 और 35ए के कारण जम्मू और कश्मीर हमारे लिए जैसे एक समस्या बनकर रह गया।”