उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में गुरुवार को अज्ञात व्यक्तियों द्वारा दो किशोर भाई-बहन की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। हमलावरों ने जबरदस्ती एक दलित विधवा के घर में घुसकर उनके बच्चों को मौत के घाट उतार दिया। मृतकों का नाम शीला (17) और राजेंद्र (15) है।
बक्शी का पुरा गांव में इस कांड को अंजाम दिया गया जिसका स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध किया। पुलिस अभी तक हत्या के पीछे की मंशा का पता नहीं लगा पाई है, हालांकि प्रारंभिक जांच से कुछ कारण सामने आए हैं। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, घर का दरवाजा अंदर से बंद था। राजेंद्र के शव को पुआल के ढेर में छिपाया गया था, लेकिन बहन का शव फर्श पर ही पड़ा था। जिस वक्त हत्याएं की गई, उस वक्त गांव में किसी ने भी गोली चलने की आवाज नहीं सुनी।
मृतकों की मां बरौली में अपनी बड़ी बेटी के यहां गई हुई थीं और लौटकर उन्होंने पाया कि घर का दरवाजा अंदर से बंद है। पड़ोसियों की मदद से उन्होंने दरवाजे को खोला और चारों ओर खून बिखरा हुआ पाया। दोनों के सीने और पेट में गोली मारी गई थी।
उप महानिरीक्षक के.पी. सिंह ने कौशांबी के पुलिस अधीक्षक अभिनंदन के साथ घटना स्थल का परीक्षण किया। उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए पुलिस की तीन टीमों का गठन किया गया है।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शुरू में सरोज देवी ने बताया था कि उन्हें इस बात का कोई भी अंदाजा नहीं है कि किसी ने उनके बच्चों को क्यों मारा, लेकिन बाद में उन्होंने कुछ लोगों के साथ एक जमीन को लेकर हुए विवाद में खुद के शामिल होने की बात कही।