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भारत की यात्रा करते समय ओसीआई को इन सभी दिक्कतों का करना पड़ेगा सामना

विदेश में बसे और वहां की नागरिकता ले चुके भारतीयों (प्रवासी भारतीय नागरिकों यानी ओसीआई) को भारत की यात्रा करते समय खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उन्हें हाल ही में लागू किए गए नवीनीकरण के नियम के बारे पर्याप्त जानकारी नहीं दी गई है। भारतीय मूल के एक प्रतिष्ठित अमेरिकी नागरिक ने भारतीय राजदूत को दी याचिका में यह बात कही है। जयपुर फुट यूएसए के अध्यक्ष प्रेम भंडारी ने बताया कि इस नियम के बारे में पर्याप्त जानकारी न होने के कारण बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकियों को भारत की अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ रही है।

कई मामलों में तो उन्हें दुबई जैसे स्थानों से बीच रास्ते में ही लौटना पड़ रहा है और कई विमानन कंपनियां भारत जाने वाले उन यात्रियों को बैठाने से इनकार कर रही हैं जिनकी पासपोर्ट संख्या उनके ओसीआई कार्ड से नहीं मिलती। उन्होंने कहा, ”विमानन कंपनियों और आव्रजन अधिकारियों ने गृह मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा हाल में जारी एक परामर्श का हवाला दिया और मांग की कि 20 साल से कम और 50 वर्ष से अधिक आयु के यात्रियों को अपने पासपोर्ट के नवीनीकरण के बाद ओसीआई कार्ड का नवीनीकरण कराना होगा।

इसके चलते कई यात्रियों को हवाईअड्डों से वापस लौटना पड़ रहा है।” सामाजिक कार्यकर्ता भंडारी ने एक बैठक में अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला से अनुरोध किया कि वह जन सूचना और अमेरिका में जागरूकता अभियान चलाकर इस मुद्दे को हल करने में मदद दें। साथ ही उन्होंने गृह मंत्रालय से ओसीआई कार्ड के नियमों को आसान बनाने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा, ”ओसीआई कार्ड का उद्देश्य कार्ड धारकों की यात्रा का अनुभव सुखद बनाना और परेशानी तथा घबराहट पैदा न करना है।”

उन्होंने बताया कि भारत की अपनी अगली यात्रा में उनकी योजना इस मुद्दे को नागरिक उड्डयन मंत्रालय के समक्ष उठाने की है। भंडारी के अनुसार, राजदूत ने कहा कि भारत सरकार समुदाय की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है। अमेरिका में भारतीय राजनयिक मिशनों ने पहले ही जागरूकता अभियान शुरू कर दिया है। इस मुद्दे का सक्रिय रूप से हल निकाला जा रहा है।

मौजूदा नियमों के तहत 20 साल से कम और 50 साल से अधिक आयु के ओसीआई कार्ड धारकों को अपने पासपोर्ट का नवीनीकरण कराने के बाद ओसीआई कार्ड का नवीनीकरण कराना होता है। यह नियम लंबे समय से है लेकिन जागरूकता के अभाव में भारतीय समुदाय के अधिकांश लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं है। हाल ही में भारत सरकार ने इस नियम को सख्ती से लागू करने को कहा था जिससे बड़ी संख्या में लोगों को असुविधा हुई।

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