राजस्थान के कोटा स्थित जे.के. लोन सरकारी अस्पताल में पिछले 24 दिनों के भीतर 77 बच्चों की मौत पर बेतुका बयान देते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके पहले की भाजपा सरकार को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि इस साल सिर्फ 900 बच्चों की मौत हुई है जो 6 साल में सबसे कम है। इसके पहले 1200-1300 बच्चे मरते रहे हैं। विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है जिसके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं।मामले के सुर्खियों में आने के बाद भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने भी आज अस्पताल का दौरा कर पीड़ितों का हाल जाना।
बताते चलें कि पिछले 6 सालों से इस अस्पताल में हर साल एक हजार से अधिक बच्चों की मौत हो रही है। पिछले 6 सालों में इस अस्पताल में 6600 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। अस्पताल अधिकारियों की तरफ से यह बताया गया है कि 6 बच्चों की 23 दिसम्बर को मौत हुई, जबकि 24 दिसम्बर को 4 बच्चों ने दम तोड़ दिया।
जे.के. लोन अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉक्टर एच.एल. मीना ने कहा कि कोटा डिवीजन में यह मां और बच्चे का सबसे बड़ा सरकारी रैफरल अस्पताल है। यहां भीलवाड़ा, चित्तौडगढ़और मध्य प्रदेश के लोगों को इलाज के लिए रेफर किया जाता है।
उन्होंने कहा कि ज्यादातर शिशु और बच्चों को गंभीर स्थिति में प्राइवेट या फिर सरकारी हेल्थ सेंटर्स से रेफर किया जाता है, जिसके चलते औसतन रोजाना एक शिशु की मौत हो जाती है। कई दिन ऐसे भी हुए जब एक भी बच्चे की मौत नहीं हुई। दो दिन में 10 बच्चों की मौत हालांकि ज्यादा है लेकिन यह असामान्य नहीं है। वहीं अस्पताल प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।