दिल्ली के शाहीन बाग में शनिवार को गोलियां चलाने वाले युवक कपिल गुज्जर के परिवार के सदस्यों ने बोला है कि वह कट्टरपंथी नहीं है बल्कि एक सामान्य लड़का है। वह वहां प्रदर्शन की वजह से लगातार सड़क बंद रहने से परेशान था.
कपिल ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) विरोध का केन्द्र बने यहां शाहीन बाग में हवा में दो गोलियां चलाई. हालांकि इससे कोई घायल नहीं हुआ. वह दिल्ली यूपी सीमा पर दल्लूपुरा गांव में डेयरी का धंधा करता है. शाहीन बाग में सीएए विरोधी प्रदर्शन के चलते दक्षिण दिल्ली को शाहीन बाग से जोड़ने वाला एक मुख्य मार्ग एक महीने से भी अधिक समय से बाधित है.
कपिल के सम्बन्धी चौधरी कल्याण सिंह ने बताया कि वह कट्टरपंथी नहीं है. बोले, ‘हां, गांव के दूसरे लोगों की तरह हिंदू भक्त है, लेकिन हम सब लोग यहां सद्भाव व मिलजुलकर रहते हैं. इस बात से मना नहीं किया जा सकता है कि शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों की वजह से बहुत असुविधा हो रही है, लेकिन हमने सपने में भी ऐसा नहीं सोचा था कि वह ऐसा कर सकता है. वह हमेशा शांत रहता है, कभी कठिनाई में नहीं पड़ा.’
रिश्तेदारों व पड़ोसियों ने बताया कि कपिल 12वीं तक पढ़ाई की व उसके बाद परिवार के डेयरी व्यवसाय में जुट गया. उसकी तीन वर्ष की एक बेटी है व वह पत्नी व माता-पिता के साथ पूर्वी दिल्ली के दल्लूपुरा में अपने मकान में रहता है. कपिल के पिता गाजे सिंह पॉलिटिक्स में सक्रिय रहे हैं व 2007 में बसपा के टिकट पर एमसीडी चुनाव में खड़े थे, लेकिन पराजय गए थे. 2012 में वह बसपा के ही टिकट पर खिचड़ीपुर से चुनाव में खड़े हुए व 2008 में विधानसभा चुनाव में भी खड़े हुए लेकिन जीत नहीं सके.
कपिल के दोस्त ने कहा, ‘वह कांवर यात्रा पर गया था, लेकिन वह किसी विशेष समूह से नहीं जुड़ा है. अगर मौजूदा विरोध के बारे में उनके दिमाग में कुछ चल रहा था, तो हमें पता होता. कुछ समय पहले उसने अपना व्हाट्सएप नंबर बदल लिया था व तब से हममें से कई लोग उसके साथ वार्ता नहीं कर पा रहे थे.’ संबंधियों के अनुसार शनिवार प्रातः काल कपिल अपनी सामान्य दिनचर्या की तरह डेयरी गया व दोपहर तक घर पर था. कपिल के चाचा फतेह सिंह ने कहा, ”सामान्य दिनों में बदरपुर डेयरी पहुंचने में दो घंटे लगते हैं और 10 किमी सफर करना पड़ता था. लेकिन प्रदर्शन के चलते उसे 35 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती थी व वह एक बजे रात को घर पहुंचता था.” उन्होंने कहा, ” वह इससे आजिज आ गया था लेकिन इतना भी नहीं कि वह कुछ ऐसा कर जाता.” उन्होंने बोला कि इस परिवार का दल्लूपुरा में एक छोटी व बदरपुर में एक बड़ी डेयरी है व कालिंदीकुंज में रोड नंबर 13 के बंद रहने से धंधा प्रभावित हो रहा था. परिवार के सदस्यों ने बताया कि कपिल रिपोर्टर बनना चाहता था.लेकिन उसने बीच में ही कॉलेज की पढ़ाई छोड़ दी व डेयरी के धंधे में लग गया. उन्होंने बताया कि वसंधुरा के एक लोकल स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद उसने दिल्ली के आईएमएस कॉलेज में मीडिया कोर्स के लिए दाखिला लिया था.