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पृथ्वी पर मंडराए संकट के बादल, तेजी से धरती की ओर बढ़ रहा है कुतुबमीनार से भी 4 गुना बड़ा उल्कापिंड

दो दिन बाद धरती के बगल से एक बहुत बड़ा एस्टेरॉयड गुजरने वाला है। जानकारी के अनुसार यह एस्टेरॉयड कुतुबमीनार से चार गुना और स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से तीन गुना बड़ा है। बता दें कि इसी महीने में धरती के पास से गुजरने वाला ये तीसरा एस्टेरॉयड है। इससे पहले 6 और 8 जून को धरती के बगल से एस्टेरॉयड गुजरे थे।

खबर के मुताबिक इस एस्टेरॉयड का नाम है 2010 एनवाई 65 है। यह 1017 फीट लंबा है। यानी स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से करीब तीन गुना और कुतुबमीनार से चार गुना बड़ा है। स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी 310 फीट और कुतुबमीनार 240 फीट लंबा है।

स्पीड बात करें तो एस्टेरॉयड 46,400 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से धरती की तरफ आ रहा है। यह एस्टेरॉयड 24 जून की दोपहर 12.15 बजे पृथ्वी के करीब से गुजरेगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का अनुमान है कि यह धरती से करीब 37 लाख किलोमीटर दूर से निकलेगा।

नासा के वैज्ञानिक ने उन सभी एस्टेरॉयड्स को धरती के लिए खतरा मानते हैं जो धरती से 75 लाख किलोमीटर की दूरी के अंदर निकलते हैं। इन तेज रफ्तार गुजरने वाले खगोलीय पिंडों को नीयर अर्थ ऑबजेक्टस (NEO) कहते हैं।

सूर्य के चारों तरफ चक्कर लगाने वाले छोटे-छोटे खगोलीय पिंडों को एस्टेरॉयड या क्षुद्रग्रह कहते हैं। ये मुख्य तौर पर मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच मौजूद एस्टेरॉयड बेल्ट में पाए जाते हैं। हालांकि कई बार इनसे धरती को नुकसान भी होता है। आपको बता दें कि 2013 में चेल्याबिंस्क एस्टेरॉयड रूस में गिरा था। इसके गिरने से 1 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे। हजारों घरों की खिड़कियां और दरवाजे टूट गए थे।

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