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करवा चौथ पर 100 साल बाद बन रहा महासंयोग, जानें क्या है इस बार का शुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म में करवा चौथ का विशेष महत्व है। इस खास दिन पर सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। ये दिन सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत खास होता है।

करवा चौथ पर महिलाएं व्रत रखने के साथ-साथ विधिनुसार पूजा-अर्चना भी करती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का त्योहार मनाया जाता है। इस पर्व में चंद्रमा काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि महिलाएं दिन भर निर्जला उपवास रखकर शाम को चंद्रमा निकलने के बाद ही अपना उपवास खोलती है।

करवा चौथ से जुड़ी कई मान्यताएं और परंपराएं हैं, जो इसे और खास बनाती हैं। करवा चौथ का त्योहार मुख्य रूप से पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, गुजरात और राजस्थान आदि राज्यों में मनाया जाता है। माना जाता है कि, ये व्रत रखने से वैवाहिक जीवन में भी सुख बना रहता है। इस बार 100 साल बाद करवा चौथ पर महासंयोग का निर्माण हो रहा है। आइए जानते हैं इस महासंयोग के बारे में।

कब मनाया जाएगा करवा चौथ?
महाभारत काल से ही करवा चौथ का व्रत रखने की परंपरा है। तब से लेकर आज तक इस व्रत को नियमानुसार रखा जाता है। वहीं इस साल चतुर्थी तिथि 31 अक्तूबर की रात 10 बजकर 42 मिनट से शुरू हो रही है। जिसका समापन अगले दिन यानी 1 नवंबर की रात 09 बजकर 19 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, 1 नवंबर को करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा।

कब होगा चंद्रोदय
1 नवंबर 2023 यानी करवा चौथ की रात्रि 08:15 बजे चंद्रोदय होगा। करवा चौथ पूजा मुहूर्त सायं 05 बजकर 36 मिनट से 06 बजकर 54 मिनट तक रहेगा और अमृत काल सायं 07 बजकर 34 मिनट से 09 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। इस समय आप चंद्रमा को देखकर व्रत का पारण सकते हैं। यह समय काफी शुभ रहने वाला है।

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