नागरिकता संशोधन एक्ट के विरोध में देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन अभी तक जारी है। बीते दिनों दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश, कोलकाता से लेकर बेंगलुरु तक हजारों की संख्या में लोग इस कानून के विरोध में थे। इस दौरान कई शहरों में हिंसा भी हुई। रेलवे बोर्ड चेयरमैन ने अपने बयान में कहा कि इस प्रदर्शन के दौरान रेलवे को कुल 80 करोड़ का नुकसान हुआ है।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने कहा, सीएए के खिलाफ विरोध के दौरान लगभग 80 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जिसमें से 70 करोड़ रुपये पूर्वी रेलवे के हैं और 10 करोड़ रुपये नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे का है। यादव ने कहा कि उपद्रव में शामिल लोगों से इसकी वसूली की जाएगी।उन्होंने कहा रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) पिछले दिनों हुई हिंसा और आगजनी की घटनाओं में शामिल लोगों की पहचान के लिए संबंधित राज्यों की सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहा है और उनसे वसूली की जाएगी।
उन्होंने कहा कि रेलवे संपत्ति की क्षति पहुंचाने वाले दोषियों की पहचान हो जाने के बाद, उनसे नुकसान की भरपाई के प्रयास किए जाएंगे।बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश की सरकार ने भी यही फॉर्मूला अपनाया है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया था कि जो लोग हिंसा में शामिल थे, उनसे ही तोड़फोड़ का पैसा वसूल किया जाएगा। योगी के ऐलान के बाद यूपी प्रशासन की तरफ से सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के घर पर नोटिस भी चस्पा कर दिए गए हैं, इतना ही नहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ दुकानों को भी सील किया गया है। नागरिकता संशोधन एक्ट, नेशनल रजिस्टर फॉर सिटिजन के विरोध में जो हिंसा हुई, उसमें देशभर में करीब 25 लोगों की मौत हो गई। इनमें से अधिकतर मौत उत्तर प्रदेश में हुईं हैं, यूपी में प्रदर्शन को देखते हुए 31 जनवरी तक धारा 144 लगाई गई है।