आये कैलासा (Aay Kailasha) प्रयागराज अर्ध महाकुम्भ का न केवल अब तक कुम्भ के ऊपर आये हुए सभी भजनों में सबसे बड़ा प्रयास है बल्कि दक्षिणेश्वर काली पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर कैलाशानन्द ब्रम्हचारी की प्रेरणा से व कॉस्मिक रिवाइवल के प्रणेता अंतराष्ट्रीय कॉस्मिक हीलर डॉ. अजय मगन द्वारा निर्मित यह भजन अपने आप में एक अद्भुत रचना है ।
बॉलीवुड संगीतकार दुष्यन्त सिंह के संगीत निर्देशन में जहाँ एक ओर इस भजन को पार्श्वगायक पद्मभूषण उदित नारायण ने अपनी आवाज़ से अलंकृत किया है वहीं पार्श्वगायिका मेनका मिश्रा व दुष्यन्त सिंह ने इसे एक शानदार संगीतमयी प्रस्तुति में परिवर्तित कर दिया है।
आये कैलासा में भजन को
आये कैलासा में भजन को लिखा है डॉ. रितु सिंह ने और इसका फिल्मांकन निर्देशक दुष्यन्त सिंह ने किया है। हरिद्वार व प्रयागराज और मुम्बई की लोकेशनों पर इसका फिल्मांकन किया गया है। क्योंकि पूरब से लेकर पश्चिम तक की लोकेशन पर फिल्मांकन और प्रयागराज कुम्भ विषय मिलकर इस कुम्भ भजन को क्रियात्मक रूप से भी पूरब और पश्चिम के कुम्भ में मिलन को स्थापित करते हैं।
उपरोक्त भजन के बारे में महामण्डलेश्वर कैलाशानन्द ब्रम्हचारी जी ने यह आशा व्यक्त की है कि यह भजन भारत एवं विश्व के न केवल हिन्दू समुदाय वरन सभी लोगों को पसन्द आयेगा और कुम्भ के प्रचार प्रसार में यह भजन एक मील का पत्थर साबित होगा ।
वहीं अंतराष्ट्रीय कॉस्मिक हीलर डॉ. अजय मगन इस भजन को लेकर बहुत उत्साहित हैं, और उन्होंने इसे महाराज जी की प्रेरणा बताया है। पद्मभूषण उदित नारायण ने इस भजन को गाते वक्त इसकी रचना एवं शब्दों की तारीफ करते हुए इसे भारत की जनता को समर्पित किया।