नई दिल्ली। मंगलवार को संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 और उससे जुड़े ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’, जिसे एक देश एक चुनाव विधेयक भी कहा जा रहा है, लोकसभा में पेश किया गया। इस दौरान कई विपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध किया। वहीं एनडीए की सहयोगी पार्टियों तेदेपा, जदयू और शिवसेना ने इस विधेयक का समर्थन किया। जदयू ने विधेयक को राष्ट्रहित में बताया, तो आइए जानते हैं कि विधेयक के समर्थन में इन पार्टियों ने क्या-क्या कहा।
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टीडीपी ने किया विधेयक का समर्थन
तेदेपा पार्टी के सांसद चंद्रशेखर पेम्मासानी ने विधेयक के समर्थन में बोलते हुए लोकसभा में कहा कि उनकी पार्टी के नेता राष्ट्र निर्माण के समर्थक रहे हैं। हमारी पार्टी का मानना है कि आज तकनीक और मीडिया के युग में चुनाव अभियान क्षेत्रीय नहीं रह गया है और अब इसका असर पूरे देश पर होता है। इसलिए पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने का फैसला सही है और हमारी पार्टी इसका समर्थन करती है।
जदयू ने कहा- यह विधेयक राष्ट्रहित में
जनता दल (यूनाइटेड) ने ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक को देश हित में करार दिया और कहा कि लोकसभा में इसे पेश किए जाने के दौरान कांग्रेस का रवैया बेहद ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है। जद (यू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने एक बयान में कहा कि उनकी पार्टी पहले से ही इस विधेयक के समर्थन में रही है। उन्होंने कहा, ‘इस फैसले से लोकतंत्र में मजबूती आएगी एवं सरकार की योजनाओं और नीतियों में निरंतरता बनी रहेगी। साथ ही बार-बार चुनाव में होने वाली फिजूल खर्ची पर भी रोक लगेगी।
राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि ‘आजादी के बाद कई वर्षों तक देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ-साथ होते थे लेकिन असमय राज्य सरकारों के पतन और विधानसभाओं के चुनाव की वजह से हर समय देश के किसी न किसी राज्य में चुनाव होने लगे। उन्होंने कहा, ‘अगर एक बार फिर से यह लागू होता है तो भारतीय लोकतंत्र की मजबूती और निर्वाचन तंत्र की निष्पक्षता को बनाए रखने में कारगर साबित होगा।’