जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के कैंपस की कई दीवारों पर ब्राह्मण, बनिया विरोधी नारे लिखे जाने की सूचना मिली है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने एक बयान जारी कर इस घटना की निंदा की और कैंपस का माहौल खराब करने के लिए ‘अज्ञात तत्वों’ को जिम्मेदार ठहराया। घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
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नारे स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज-सेंकड बिल्डिंग की दीवारों पर पाए गए। नलिन कुमार महापात्र, राज यादव, प्रवेश कुमार और वंदना मिश्रा सहित कई ब्राह्मण प्रोफेसरों के ऑफिस की दीवार पर ‘गो बैक टू शाखा’ लिखा हुआ था.
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सोशल मीडिया पर जैसे ही नारों की तस्वीरें वायरल हुईं, ‘ब्राह्मण जीवन मायने रखता है’ ट्रेंड करने लगा। उधर, यूनिवर्सिटी प्रशासन से जुड़े लोगों ने बयान जारी कर आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय सभी का है। बयान में कहा गया है, “कुलपति, प्रोफेसर संतश्री डी पंडित ने एसआईएस, जेएनयू में कुछ अज्ञात तत्वों द्वारा दीवारों और फैकल्टी कमरों को विकृत करने की घटना को गंभीरता से लिया है। प्रशासन परिसर में इन बहिष्कारवादी प्रवृत्तियों की निंदा करता है।”
एबीवीपी ने घटना की निंदा की और वामपंथियों पर इसका आरोप लगाया। कहा गया कि कम्युनिस्ट गुंडों द्वारा अकादमिक स्थानों के बड़े पैमाने पर इस तरह की हरकतों की एबीवीपी कड़ी निंदा करता है। कम्युनिस्टों ने स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज- II बिल्डिंग में जेएनयू की दीवारों पर अपशब्द लिखे हैं। उन्होंने मुक्त सोच रखने वाले प्रोफेसरों को डराने के लिए उनके चेंबर को विकृत किया है।