बीते कुछ दिनों पहले पीएम मोदी ने लक्षद्वीप से जुड़ी खूबसूरत तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की थी। जिसमें उन्होंने लोगों को लक्षद्वीप में पर्यटन को बढ़ावा देने की अपील की थी। लेकिन यह आह्वान पड़ोसी द्वीप राष्ट्र मालदीव को रास नहीं आया था। इस दौरान मालदीव के मंत्रियों ने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक बयानबाजी की थी। हालांकि बाद में मालदीव के मंत्रियों ने अपनी टिप्पणियां को हटा कर दिया था। इसी बीच, लगातार बयानबाजी पर मंगलवार को मालदीव स्थित जम्हूरी पार्टी के नेता ने गसुइम इब्राहिम ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से भारत और पीएम मोदी से माफी मांगने की अपील की है। साथ ही कहा कि वह दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने पर जोर दें।
राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत को धमकाने वाला देश कहा था
गौरतलब है कि भारत और मालदीव के संबंधों में खटास के बाद चीन समर्थित राष्ट्रपति मुइज्जू लगातार भारत का नाम लिए बिना टिप्पणियां कर रहे हैं। पांच दिवसीय चीन की यात्रा से लौंटने के बाद राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत को परोक्ष रूप से धमकाने वाला देश बताया था। खास बात है कि यह मांग मुख्य विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के एक दिन बाद आई है। सोमवार को कहा था कि वह राष्ट्रपति मुइज्जू पर महाभियोग चलाने के लिए एक प्रस्ताव करने की योजना बना रही है। बात दें मुइज्जू ने पिछले साल सितंबर में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को हराया था।
गासुइम ने पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को भी घेरा
गसुइम ने उन कथित टिप्पणियों के लिए पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को जिम्मेदार ठहराया है। जिन्होंने मालदीव और भारत के लिए दरार पैदा की है। उन्होंने इंडिया आउट अभियान की शुरूआत की थी। उस दौरान इब्राइहिम सोलिह मालदीव के राष्ट्रपति थे। चीन से लौटने के बाद मुइज्जू ने चिकित्सा सेवाओं और दवाओं समेत कई क्षेत्रों में भारत पर निर्भरता कम करने का भी सुझाव दिया था। गसुइम ने कहा कि मुइज्जू ने भारत से सामान्य दवाओं के आयात को खत्म करने और दवा के लिए यूरोप, अमेरिका या मूल देशों से विकल्प तलाशने का प्रस्ताव रखा है। वहीं उन्होंने कहा कि यदि भारत से माफी नहीं मांगी गई तो मालदीव पर इसका खासा असर पड़ सकता है।