लखनऊ। ई-कोर्ट व्यवस्था के तहत यूपी के सूचना आयोग के आदेशों को रियल टाइम में वेबसाइट पर अपलोड करने की व्यवस्था शरू करने के हाई कोर्ट इलाहाबाद के आदेश को नज़रअंदाज करने पर यूपी के मुख्य सचिव की शिकायत यूपी के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से की गई है। शिकायतकर्ता आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा ने मुख्य सचिव द्वारा न्यायालय के विशिष्ट आदेश का पालन नहीं करने को न्यायालय की अवमानना के साथ-साथ सेवा नियमों का उल्लंघन करने का गंभीर मामला बताते हुए मामले में प्रशासनिक जांच की माग उठाई है।
एक्टिविस्ट उर्वशी ने बताया कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने पंकज तिवारी बनाम उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग मामले में साल 2019 की 30 अप्रैल को मुख्य सचिव को विशिष्ट आदेश दिया था कि वे राज्य सूचना आयोग में ई-कोर्ट व्यवस्था लागू कराने की कंप्लायंस रिपोर्ट अथवा प्रोग्रेस रिपोर्ट सुनवाई की अगली तिथि तक 09 अगस्त 2019 से पूर्व न्यायालय में दाखिल करें।
बकौल उर्वशी, जब उन्होंने मुख्य सचिव द्वारा न्यायालय के आदेश का पालन किये जाने अथवा नहीं किये जाने की जानकारी करने के लिए बीती 19 फरवरी को मुख्य सचिव कार्यालय में आरटीआई आवेदन दिया तो मुख्य सचिव कार्यालय के अनु सचिव एवं जन सूचना अधिकारी राधे श्याम ने हाई कोर्ट के आदेश के सम्बन्ध में पूर्ण अनभिज्ञता अभिलिखित करते हुए प्रकरण की विषयवस्तु की जानकारी तक नहीं होने की हैरतअंगेज बात उर्वशी को बीती 25 फरवरी को पत्र में लिखकर दी जिससे यह साफ हो गया कि दो साल होने को आये हैं, पर मुख्य सचिव जैसे आला अधिकारी ने भी हाई कोर्ट के आदेश को ठन्डे बस्ते में डाल रखा है। अब उर्वशी ने इस मामले राज्यपाल और सीएम से मुख्य सचिव की शिकायत की है और जांच कराकर मुख्य सचिव के खिलाफ नियमानुसार प्रशासनिक दंडात्मक कार्यवाही करने की मांग की है।
आयोग में ई-कोर्ट व्यवस्था लागू करने के हाई कोर्ट के आदेश के अनुपालन की स्थिति जानने के लिए उर्वशी ने बीती 20 फरवरी को सूबे के प्रशासनिक सुधार विभाग में और बीती 24 फरवरी को सूचना आयोग में भी आरटीआई अर्जियां दी हैं, जिन पर अभी तक कोई सूचना नहीं आई है। उर्वशी ने बताया कि उनको अपुष्ट सूत्रों से पता चला है कि उनके द्वारा मुख्य सचिव की शिकायत करने के बाद शासन ने यूपी सूचना आयोग में ई-कोर्ट व्यवस्था लागू करने के सम्बन्ध में कार्यवाही शुरू कर दी है। उर्वशी को उम्मीद है कि सूबे के राज्यपाल और मुख्यमंत्री जनसरोकार से जुड़े इस मामले में दखल देकर ई-कोर्ट व्यवस्था के तहत आयोग के आदेशों को रियल टाइम में वेबसाइट पर अपलोड कराने का तोहफा जल्द ही देंगे।