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चार साल में बढ़ी 4 गुना बेरोजगारी: लोकदल

लखनऊ। किसानों के ऋण माफ, गन्ने का भुगतान, फसल के सही मूल्य, किसान की आय दुगनी, महंगाई को कम करने, स्वास्थ्य शिक्षा, बेरोजगारों को रोजगार, महिला सुरक्षा, कानून व्यवस्था सुदृढ़ करने की घोषणा के वादे की याद दिलाते हुए लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा कि सरकार अपने इस वादे पर टांय-टांय फिस्स हो गयी। सिंह ने कहा, ‘प्रदेश सरकार अपने हर वादे को पूरा करने में विफल रही है। चार साल पहले जो वादे किए थे वो आज तक पूरे नहीं हुए.’महंगाई बहुत बढ़ गई है। नौजवान नौकरी नहीं मिलने से परेशान हैं।

दलितों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं पर अत्याचार बढ़ गए हैं। इस पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है चार साल में केवल भाजपा सरकार ने धन्नासेठों के लिए ही काम किया है सिर्फ आंकड़े दिखाए जा रहे हैं। सिंह ने आगे कहा की निवेश के संबंध में बताया गया है कि 4.68 लाख करोड़ के कंपनियों से एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं, 3 लाख करोड़ के निवेश से परियोजनाएं शुरू। लेकिन यह नहीं बताया गया है कि इन परियोजनाओं में कितना फीसद काम पूरा हो पाया है, जमीनी हकीकत यह है कि इन परियोजनाओं में 10-15 फीसद काम पूरा भी नही हुआ है।

प्रदेश सरकार दावा कर रही है कि एमएसएमई सेक्टर में 1.80 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है, इस सेक्टर में सरकार के प्रयासों से 1.80 करोड़ नये रोजगार सृजित हुए हैं लेकिन अब विज्ञापन में सिर्फ यह बताया गया है कि एमएसएमई सेक्टर में 1.8 करोड़ लोगों को रोजगार मिला, इससे यह स्पष्ट नहीं हो रहा है कि इस सेक्टर कितने लोग लगे हुए थे, और इसमें वास्तव में रोजगार सृजित हुए हैं या फिर उसमें कमी दर्ज की गई है। जमीनी हकीकत क्या है उसमें जीएसटी से लेकर आपदा तक के पीरियड में यह सेक्टर लगातार तबाह होता गया है, प्रदेश में इसमें सबसे बड़ा रोजगार देने वाला बुनकरी और जूता उद्योग अभी तक बेपटरी है। अगर इस सेक्टर में 1.8 करोड़ लोग इंगेज हैं या रोजगार मिला हुआ है तो इसमें सरकार का क्या योगदान है। सरकार को तो यह जानकारी देनी थी कि इस सेक्टर में 4 सालों में कितने नये रोजगार सृजित हुए हैं।

कुल मिलाकर करीब हर सेक्टर से यही आंकड़े है कि रोजगार के अवसरों में कमी दर्ज हुई है। यहां तक कि आपदा के बावजूद मनरेगा योजना में भी 100 दिन की जो काम की कानूनी गारंटी है उसे भी लागू किया गया। बहुप्रचारित प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार गारंटी योजना का क्या हश्र हुआ, यह जगजाहिर है। मुख्यमंत्री के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से रोजगार की सरकारी उपलब्धियों का किस तरह से प्रचार किया गया उत्तर प्रदेश सरकारी नौकरी को लेकर इसी तरह का प्रचार जोरशोर से जारी है। लेकिन आज प्रदेश में बेरोजगारी की जद में उच्च शिक्षित युवा सबसे ज्यादा है। इन बेरोजगारों की आवाज को बलपूर्वक कुचला जा रहा है अवैध घोषित कर लाठीचार्ज किया गया, गिरफ्तारी की गई और युवा को जेल भेजा गया। हालत यह है कि प्रदेश में कहीं पर भी छात्रों को शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन तक की इजाजत नहीं दी जा रही है। जिसमें सरकार कामयाब नहीं होगी और प्रदेश में युवाओं का आंदोलन खड़ा होगा।

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