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आखिर क्यों व्रत में करना चाहिए सिर्फ सेंधा नमक का सेवन, ये हैं वजह

सेंधा नमक को लेकर आम धारणा है कि इसका इस्तेमाल सिर्फ व्रत में किया जाता है। यह बात काफी हद तक सही भी है, लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि सेंधा नमक के इस्तेमाल को इतना खास क्यों माना गया है? सेंधा नमक में ऐसे कौन-से गुण हैं, जो इसे अन्य प्रकार के नमक से स्पेशल बनाते हैं?

 

सेंधा नमक, नमक का शुद्धतम रूप माना जाता है. दरअसल इसे इस्‍तेमाल के योग्‍य बनाने के लिए कैमिकल प्रोसेस से गुजरना नहीं पड़ता है. हालांकि, दूसरी ओर, साधारण नमक या टेबल सॉल्ट जिसे काला नमक भी कहा जाता है, इसे शुद्ध करने के लिए एंटी-कॉकिंग एजेंट और ट्रीटमेंट जैसे कई कैमिकल प्रोसेस से गुजरना पड़ता है.

सेंधा नमक एक प्रकार का खनिज है, जिसे नमक का शुद्ध रूप माना जा सकता है। सेंधा नमक का उपयोग खाने योग्य बनाने के लिए इसे किसी भी तरह के केमिकल प्रोसेस से नहीं गुजरना पड़ता है। सेंधा नमक को हिमालयन साल्ट, रॉक साल्ट, सिन्धा नमक, सैन्धव नमक, लाहौरी नमक या हैलाइड सोडियम क्लोराइड भी कहा जाता है।

इसके अलावा सेंधा नमक को डाइट में शमिल करने से बॉडी में ब्‍लड सर्कुलेशन सही रहता है और बॉडी से टॉक्सिन को बाहर निकालने में मदद मिलती है. सेंधा नमक बॉडी में सेरोटोनिन और मेलाटोनिन हॉर्मोन्स का बैलेंस बनाए रखने में भी मदद करता है, जो तनाव व स्ट्रेस से लड़ने में मदद करते हैं.

रिफाइन करते वक्त इसमें कई तरह के एडिटिव्स मिलाए जाते हैं, जिससे इसका नैचुरल रूप बिल्‍कुल बदल जाता है और इसमें मौजूद कैल्शियम, पोटेशियम और मिनरल कम हो जाते हैं. इसलिए सेंधा नमक पोषण के नजरिए से साधारण नमक से बहुत अधिक अच्छा होता है.

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