- जिला चिकित्सालय में लगाया वसूली का आरोप कई घंटे एंबुलेंस का करते रहे इंतजार
डलमऊ/रायबरेली। एक प्रसूता को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन वहां पर स्वास्थ्य कर्मियों की लूट घोट के चलते तीमारदारों से जमकर वसूली की गई। यही नहीं डिस्चार्ज के बाद कई घंटे इंतजार करने पर भी जच्चा एवं बच्चा को घर पहुंचाने के लिए एंबुलेंस भी उपलब्ध नहीं हो पाई जिससे कहीं ना कहीं स्वास्थ्य विभाग की लचर कार्यशैली का प्रमाण दिख रहा है।
पूरे नाथू डलमऊ निवासी जितेंद्र कुमार 18 फरवरी को पत्नी रेनू को प्रसव पीड़ा होने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डलमऊ लेकर पहुंचे वहां से चिकित्सकों ने जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। तीमारदार का आरोप है कि वहां पहुंचने पर डिलीवरी कराने के लिए अलग-अलग रेट बताए गए, लेकिन मरीज की हालत को देखकर कबूल करना पड़ा। जगह-जगह पर हो रही वसूली को लेकर तीमारदारों में रोष भी बना हुआ है।
जितेंद्र का कहना है कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के नाम पर सिर्फ दिखावा कर रही है जबकि अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मी तीमारदारों से लूट कर रहे है। सोमवार को रेनू को डिस्चार्ज किया गया।
जितेंद्र ने एंबुलेंस के लिए गुहार लगाई कई घंटे तक उसको इंतजार करना पड़ा लेकिन फिर भी एंबुलेंस नसीब नहीं हुई तो उसने अपने बीमार पत्नी व नवजात शिशु को मोटरसाइकिल से किसी तरीके से घुरवारा तक पहुंचाया वहां से परेशानी बढ़ने पर ई रिक्शा के मदद से उसे घर पहुंचाया गया।
राजस्थान की राजधानी जयपुर में पानी का संकट, 72 घंटे पेयजल की आपूर्ति रहेगी बाधित
प्रसव उपरांत जच्चा एवं बच्चा को इस तरीके से घर पहुंचाने को लेकर तीमारदारों में रोष बना हुआ है रेनू का कहना है कि तकलीफ होने के बावजूद बमुश्किल वह अपने घर पहुंची हैं किसी ने उनकी परेशानी नहीं सुनी तीमारदारों का कहना है कि अस्पताल में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर वह मुख्यमंत्री से शिकायत करेंगे।
रिपोर्ट- दुर्गेश मिश्रा