समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव शनिवार को पार्टी के महिला सम्मेलन में मौजूद थे, उसी दौरान भीड़ में घुसा एक युवक जयश्री राम के नारे लगाने लगा। इस दौरान उसको कार्यकर्ताओं ने पीटकर पुलिस को सौंप दिया। इसके बाद अखिलेश ने कहा कि दो दिन पहले उन्हें फोन पर जान से मारने की धमकी मिली थी।
उन्होंने कहा कि हो सकता है, सपा के कार्यक्रम में घुसे युवक को भाजपा (BJP) के किसी नेता ने भेजा हो। उन्हें धमकी मिलने के बाबत पूरी जानकारी वह लखनऊ में प्रेसवार्ता के दौरान देंगे।
सम्मेलन में पूर्व मुख्यमंत्री अपनी सरकार के कामों का जिक्र कर रहे थे। इसी बीच सबसे पीछे खड़े एक युवक ने सवाल कर दिया कि बेरोजगारों के लिए क्या किया? पूर्व मुख्यमंत्री ने उसे आगे आने को कहा। युवक आकर जवाब सुनने के बजाय बैरिकेड पर चढ़कर जय श्रीराम के नारे लगाने लगा।
कार्यकर्ताओं ने उसकी पिटाई कर दी। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी जान को खतरा होने की बात कही और बताया कि दो दिन पहले किसी ने फोन कर उन्हें जान से मारने की धमकी दी। सुरक्षा में चूक से नाराज पूर्व मुख्यमंत्री ने मौके पर तालाग्राम थाना प्रभारी को जमकर फटकार लगाई।
कोतवाली प्रभारी विनोद कुमार ने बताया कि युवक से पूछताछ हो रही है कि वह वहां क्यों गया था। उस पर कार्रवाई की जाएगी।
अखिलेश ने सम्मेलन में कहा कि अमेरिका का सूचना तंत्र विकसित है, वह बता सकता है, लेकिन हमारे देश की सरकार को नहीं पता है कि पुलवामा में आरडीएक्स भरी गाड़ी किधर से आई थी, कौन लाया, किसने लाने दिया और किसकी लापरवाही से 40 जवान शहीद हो गए। सरकार इसकी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने के बजाय सीएए, एनआरसी व एनपीआर लाकर इन सबसे ध्यान भटकाने का प्रयास कर रही है।