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मेडल जीतने के बाद बोलीं मीराबाई चानू, सारे देश की उम्मीदें मुझ पर थीं…मैं थोड़ा घबरा गई थी

टोक्यो, एजेंसी। पूर्व विश्व चैंपियन भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए महिलाओं के 49 किग्रा वर्ग में शनिवार को रजत पदक जीतकर भारत को टोक्यो ओलम्पिक का पहला पदक दिला दिया। भारत ने इन खेलों के इतिहास में पहली बार पहले दिन कोई पदक जीता। वेटलिफ्टर मीरा बाई चानू ने कहा कि वह तगमा जीतकर बहुत खुश हैं।

उन्होंने कहा कि सारा देश मुझे देख रहा था और उनकी मेरे पर सभी उम्मीदें थीं, मैं थोड़ा घबरा गई थी परंतु मैंने अपना सबसे बेस्ट परफार्मेंस देना चाहती थी और इसके लिए मैंने सख्त मेहनत भी की। 26 वर्षीय मीराबाई ने कुल 202 किग्रा (87+115) वजन उठाया और ओलंपिक्स में रजत जीतने वाली पहली भारतीय महिला भारोत्तोलक बन गई।

चानू को यह सफलता कर्णम मल्लेश्वरी के 2000 के सिडनी ओलंपिक्स में 69 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीतने के 20 साल बाद आयी है मल्लेश्वरी ओलम्पिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं।

इस कामयाबी के साथ चानू ने 2016 के पिछले रियो ओलंपिक्स की बुरी यादों को पीछे छोड़ दिया जब वह क्लीन एन्ड जर्क में अपने तीनों प्रयासों में नाकाम रही थीं। इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक चीन की होऊ झिहुई ने कुल 210 किग्रा (94+116) वजन उठाकर जीता जबकि इंडोनेशिया की ऐसाह विंडी कांतिका ने 194 किग्रा (84+110) वजन उठाकर जीता।

टोक्यो इंटरनेशनल फोरम में हुए इन मुकाबलों में चानू ने स्नैच में अपने पहले प्रयास में 84 किग्रा भार उठाया। बाद में चानू ने 87 किग्रा वजन उठाकर खुद को लाभदायक स्थिति में पहुंचा दिया। लेकिन झिहुई ने अपने पहले प्रयास में 88 किग्रा वजन उठाकर और फिर अपने तीसरे प्रयास में 94 किग्रा वजन उठाकर नया ओलम्पिक रिकॉर्ड बना दिया।

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