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गौ माता को “राज्यमाता” का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर छेड़ा जाएगा पोस्टकार्ड अभियान

लखनऊ। प्रदेश के सभी जनपदों में निराश्रित, बेसहारा गोवंश की सुरक्षा एवं संवर्धन हेतु शासन स्तर पर व्यापक योजनाएं बनाई गई हैं। बावजूद इसके शासन की मंशा के विपरीत विभिन्न जनपदों में गौआश्रय स्थलों पर संरक्षित किए गये गौ वंश बहुत ही दयनीय दशा में हैं। तमाम जगहों पर गौ वंश के रहने के लिए न तो पर्याप्त टीन शेड हैं और न ही शुद्ध पेयजल की उपलब्धता है। हरा चारा, सूखा चारा तो बड़ी दूर की बात है, बीमार पशुओं की देखभाल के लिए न तो डाक्टर हैं और न ही पर्याप्त दवायें हैं। प्रदेश की लगभग अस्सी प्रतिशत गौआश्रय स्थलों पर पर्याप्त चौकीदार भी नहीं है। परिणाम स्वरूप इन स्थानों पर लाये गये गौवंशीय पशु पहले भी निरश्रित थे, अभी भी निराश्रित ही हैं।

बताते चलें कि उत्तर प्रदेश पशुपालन विभाग के निदेशक (प्रशासन एवं विकास) डा. संतोष कुमार मलिक ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर कहा है कि गौवंश की सुरक्षा, संवर्धन और संरक्षण के लिए जनपदों में तैनात किए गये नोडल अधिकारियों की कार्ययोजना तय कर दी गई है। ये नोडल अधिकारी 23 जुलाई तक जनपदों में अपनी आमद सुनिश्चित करते हुए दस दिनों तक प्रवास करेंगे। डा. मलिक के अनुसार ये नोडल अधिकारी वर्षा ऋतु के मद्देनजर गौआश्रय स्थलों में बरसात से बचने के लिए टीन शेड के साथ साथ शुद्ध पेयजल, हरा और सूखा चारा, पर्याप्त दवाएं और पशु चिकित्सकों की जवाबदेही सुनिश्चित करेंगे। 21 जुलाई को जारी किए गये पत्र के अनुसार शासन की मंशा के अनुरूप गांवों में ग्राम प्रधान की देखरेख में गौआश्रय स्थलों की सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

इतनी कवायद के बाद भी आये दिन विभिन्न गौआश्रय स्थलों से बदइंतजामी की खबरें आती रहती हैं। आपको बता दें कि इन्हीं बदइंतजामी से बचने और गौ वंश के सम्मान के लिए उत्तर प्रदेश लोक परमार्थ सेवा समिति ने गौ वंश के संरक्षण संवर्धन और सम्मान को लेकर व्यापक अभियान छेड़ रखा है। इसी कड़ी में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को ज्ञापन देकर गौ वंश के संरक्षण और सम्मान के लिए “गौ माता को राज्यमाता” का दर्जा दिए जाने की मांग की गई है। इसी कडी में समिति ने अब पोस्टकार्ड अभियान छेड़ने की योजना बनाई है।

समिति की उपाध्यक्ष किरन बाला शर्मा ने उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर श्याम नन्दन सिंह के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजे गये ज्ञापन में कहा है कि समिति एक अरसे से गौ माता के संरक्षण, संवर्धन और सम्मान के लिए संघर्षरत है। समिति का मानना है कि योगी सरकार ने गौवंश के संवर्धन और रक्षा के लिए सराहनीय कार्य किये हैं। किन्तु गौ माता को जब तक राज्यमाता का दर्जा देकर व्यापक नीतियाँ और कानून नहीं बनाया जाता तब तक गौ वंश का संरक्षण और संवर्धन किया जाना संभव नहीं है। समिति के प्रमुख सेवादार लालू भाई के मुताबिक अभियान के तहत सांसदों, विधायकों, पार्षदों और ग्राम प्राधानों को पोस्टकार्ड के माध्यम से संदेश भेजते हुए गौमाता के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की जाएगी। लालू भाई का कहना है कि गौमाता जाति और धर्म से ऊपर हैं, इसलिए सभी लोग गऊ माता को राज्यमाता का दर्जा दिए जाने की मांग का समर्थन करेंगें।

समिति का मानना है कि गौ माता सनातन धर्म की मूलाधार हैं, सनातन धर्म में प्रचलित सोलह संस्कार गौ माता के बिना पूरे नहीं होते हैं। इसी लिए समिति की मांग को न्यायोचित मानते हुए तमाम धर्माचार्यों और संगठनों ने अपना समर्थन दिया है। समिति की उपाध्यक्ष किरन बाला शर्मा और गौ सेवक लालू भाई ने कहा है कि राष्ट्रीय गौ उत्पादक संघ, मलूक पीठाध्वीश्वर राजेन्द्र दास जी, वृंदावन के प्रसिद्ध संत फूल डोल बिहारी बाबा जी, दिल्ली द्वारका इस्कान के उपाध्यक्ष अमोघ लीला प्रभु जी, चन्द्रोदय मंदिर वृन्दवादन के जनसंपर्क प्रमुख स्वामी अनंत दास जी, माधवास फाउण्डेशन वृन्दवादन के अध्यक्ष माधवास जी, गायत्री परिवार लखनऊ की प्रमुख सेवादार निर्मला पाण्डेय जी और लखनऊ स्थित मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्या गिरि जी आदि ने गौ माता को राज्यमाता का दर्जा दिए जाने की मांग का समर्थन किया है। सभी संगठनों और धर्माचार्यों का कहना है कि जब तक गौवंश के लिए व्यापक कानून नहीं बनाया जाता तक इनका संरक्षण किया जाना संभव नहीं है।

समिति के प्रमुख सेवादार और गौसेवक लालू भाई ने कहा है कि गौ माता के लिए व्यापक नीतियाँ न बनाये जाने से सभी लोग बेहद निराश हैं। मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि आने वाली श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर उनकी मांगों को लेकर कोई न कोई घोषणा अवश्य की जानी चाहिए जिससे गौभक्तों की निराशा दूर की जा सके।

दया शंकर चौधरी

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