हिंदू धर्म में पंचक को अशुभ माना गया है और समस्त कार्यों को करने की मनाही की गई है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब चन्द्रमा घनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण में आता है, तब पंचक शुरू होता है। यह पंचक चन्द्रमा के शतभिषा नक्षत्र से बाहर निकलने तक जारी रहता है। इस काल में कई तरह के नियमों का विधान किया गया है और उनकी पालना करना अनिवार्य माना गया है।
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पंचक किस दिन शुरू होता है, इसी के आधार पर Panchak का नाम दिया जाता है। उदाहरण के लिए पंचक को मंगलवार से शुरू होने पर अग्नि पंचक, शुक्रवार को शुरू होने पर चोर पंचक, शनिवार से शुरू होने पर मृत्यु पंचक कहा जाता है। सभी प्रकार के पंचकों को अशुभ माना गया है। हालांकि यदि यह बुधवार या गुरुवार को शुरू हो तो उसे दोषरहित माना गया है। इन दोनों में ही आप सभी शुभ कार्य कर सकते हैं।
इस बार दिसंबर के महीने में पंचक 27 दिसंबर 2022, मंगलवार को सुबह 3.31 बजे शुरू हो रहा है। इसका समापन 31 दिसंबर 2022, शनिवार को सुबह 11.47 बजे होगा। मंगलवार से शुरू होने के कारण इसे अग्नि पंचक कहा जाएगा। इस पंचक में अग्नि संबंधी सभी कार्यों को करने की मनाही की गई है। माना जाता है कि ऐसा करना नुकसान का कारण बन सकता है।
ज्योतिषाचार्य पंड़ित रामदास के अनुसार अग्नि पंचक में न केवल अग्नि वरन मशीनों संबंधी कार्य भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर जान-माल की हानि हो सकती है। इस समय निम्न कार्यों को करने की मनाही की गई है।
- पंचक के समय कभी भी घर पर छत डलवाने का कार्य नहीं करना चाहिए।
- इस समय कभी भी घर में गैस सिलेंडर, लकड़ी या अन्य ज्वलनशील पदार्थों का भंडारण न करें।
- इस समय पलंग न बनवाएं और न ही बिस्तर खरीदें, ऐसा करना आपके लिए भारी पड़ सकता है।
यदि पंचक में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाए तो उसके शव को जलाने से पहले आटे और कुश के 5 पुतले जलाने चाहिए। मान्यता है कि ऐसा नहीं करने पर घर में 5 व्यक्तियों की मृत्यु हो सकती है।