हिंदू धर्म में गरुण पुराण को महापुराण कहा गया है क्योंकि यह न केवल जन्म, मृत्यु और मृत्यु के बाद आत्मा के सफर को लेकर बहुत अहम बातें बताता है. बल्कि इसमें स्वर्ग-नरक की अवधारणा, पाप पुण्य, कर्मों के फल आदि पर बहुत विस्तार से चर्चा की गई है. इसके अलावा गरुण पुराण जीवन से जुड़ी वह बातें भी बताता है जिन्हें सुखद जीवन जीने के लिए जरूरी माना गया है.
चूंकि धन भी जीवन के लिए बहुत जरूरी है, लिहाजा गरुड़ पुराण में धन को लेकर भी जिक्र किया गया है. इसमें बताया गया है कि व्यक्ति को धन का सही उपयोग कैसे करना चाहिए वरना धन का गलत उपयोग अमीर आदमी को भी कम समय में गरीब बना सकता है या करोड़पति होने के बाद भी व्यक्ति अपने धन का आनंद नहीं ले पाता है. आइए जानते हैं गरुण पुराण में धन के उपयोग को लेकर बताई गई कुछ ऐसी खास बातें.
आज भी प्रासंगिक हैं अटल बिहारी वाजपेयी और वीर सावरकर के विचार
1. ऐसा धन जो किसी व्यक्ति को सुविधा संपन्न जीवन जीने में उपयोग न आए और ना ही उसके परिवार के उपयोग में आए, वो धन-दौलत व्यर्थ है. धन का सही उपयोग तभी है जब व्यक्ति स्वयं और अपने परिवार को जरूरी सुविधाएं दे पाए.
2. धर्म-शास्त्रों के अनुसार ऐसा धन जो परिवार की महिला की रक्षा ना कर पाए वह धन जल्दी ही नष्ट हो जाता है. घर की महिलाओं को लक्ष्मी का रूप माना गया है और महिला का अपमान माता लक्ष्मी का अपमान होता है. माता लक्ष्मी ऐसे स्थान पर कभी निवास नहीं करती हैं.
3. ऐसा धन जिसका उपयोग किसी गरीब की मदद करने में ना हो, दान धर्म में ना हो वह जल्द ही नष्ट हो जाता है. धन का सदुपयोग तभी है जब उसका उपयोग जरूरतमंदों की मदद करने में किया जाए और दान धर्म में किया जाए.