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कृषि नवीनीकरण के लिए ऋण जरुरतों को पूरा करने में एग्री एनबीएफसी और फिनटेक की अहम भूमिका- प्रभात चतुर्वेदी

भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि (खेती-बाड़ी) एक प्रमुख क्षेत्र है। विशेष रूप से संस्थाओं द्वारा छोटे और सीमांत किसानों` को पर्याप्त एवं समय पर बड़े पैमाने पर कम लागत वाले ऋण की पुष्टी के कारण वर्तमान में कृषि विकास संभव हो पाया है। भारतीय पॉलिसी मेकर्स के निरंतर प्रयास द्वारा किसानों को इंस्टीटूशनल स्रोतों से ऋृण प्राप्त करने में काफ़ी हद तक मदद मिली है।

इन प्रयासों ने सभी किसानों को समय पर और पर्याप्त ऋण सहायता प्रदान करने के लिए प्रगतिशील संस्थागतकरण पर जोर दिया है, ताकि, छोटे और सीमांत किसान कृषि पद्धतियों में सुधार के लिए सक्षम बनने पर ध्यान केंद्रित कर सके।

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जहां पिछले दशकों में ऋण की मात्रा में सुधार हुआ है, वहीं इसकी गुणवत्ता और कृषि पर इसका प्रभाव सिर्फ कमजोर ही हुआ है। कृषि के लिए संतोषजनक पूंजी प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है। चूंकि अधिकांश किसानों के लिए उपकरणों की खरीदी में ही अधिकांश धन की जरुरत पढ़ती है, आज भी अधिकांश कृषि ऋण (क्रेडिट) एक कार्यशील पूंजी के रूप में होता है। परिणामस्वरूप किसानों की आय का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा बाधित होता है।

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एनबीएफसी (NBFC) और फिनटेक (Fintech) संस्थाने कृषि यंत्रीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए किसानों की ऋृण आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु सरहानीय कार्य कर रहे है। कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर के वित्तपोषण से लेकर छोटे किसानों के माइक्रोफाइनेंस तक, इन एनबीएफसी एनबीएफसी (NBFC) और फिनटेक (Fintech) संस्थानों ने समय की जरूरत को ध्यान में रखकर और समग्र रूप से किसान समुदाय की ऋण आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु विभिन्न सेवाएं उलपब्ध कराने के लिये अग्रसर है।

समय के साथ ये संस्थांयें सुनियंत्रित होते हुए, कई उदाहरणों में प्रौद्योगिकी, नवीनीकरण, जोखिम प्रबंधन और अभिशासन में सर्वोत्तम रणनीतिओं को अपना रहे है एवं वित्तीय समावेशन पर सरकार के एजेंडे को आगे बढ़ा रहे है।

 प्रभात चतुर्वेदी

कृषि-केंद्रित एनबीएफसी / फिनटेक किसानों की दीर्घकालिक ऋण आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं क्योंकि उनमें से अधिकांश की ग्रामीण भारत में उच्च पैठ है, और उनके ऋण वितरण का बड़ा हिस्सा केवल छोटे और सीमांत किसानों पर केंद्रित है।

कृषि-केंद्रित एनबीएफसी/फिनटेक कंपनीयां प्रौद्योगिकी द्वारा कृषि क्षेत्र में आवश्यक अंतर्दृष्टि प्राप्त करने और व्यक्तिगत किसानों को निर्बाध और निष्पक्ष रूप से ऋण देने के लिए सक्षम है। वे कम कागजी कार्रवाई और दस्तावेज़ीकरण के माध्यम से किसानों को जल्दी से ऋण प्रदान करते हैं। उन्नत विश्लेषण और ग्रामीण बाजार आसूचना को अपनाने से उन्हें ऋण प्रणाली में दक्षता लाने में मदद मिलती है और ऋण के वितरण में लगने वाले समय में कटौती होती है।

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जिन विभिन्न उद्देश्यों के लिए एग्री-फोकस्ड एनबीएफसी किसान को पैसा उधार देते हैं, उनमें उपकरण और मशीनरी के लिए ऋण, सिंचाई के आधुनिक और कुशल तरीके, और खेती की मूल्य श्रृंखला में विभिन्न अन्य घटक शामिल हैं। एनबीएफसी और फिनटेक कंपनियों ने भारत के विशाल ग्रामीण हिस्सों में अनौपचारिक ऋण प्रणाली में उपलब्ध 24-60 प्रतिशत की तुलना में ऋण की ब्याज दर को 12-18 प्रतिशत तक कम करने में बेहद सफलता प्राप्त की है।

किसानों के लिए सटीक उत्पादों और पेशकशों के साथ आने के लिए ऋण की मांग, ऋण के उपयोग की दृश्यता, सिंचाई सुविधाओं पर नज़र रखने आदि का अनुमान लगाने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग, इन एनबीएफसी द्वारा प्रदान किए जाने वाले विशिष्ट लाभों में शामिल है।

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