कर्ज में डूबी एयर इंडिया विमानन कंपनी को पिछले वित्त वर्ष में करीब 4,600 करोड़ रुपये का परिचालन घाटा हुआ। इसका मुख्य कारण तेल के दाम में तेजी और विदेशी विनिमय दर में बदलाव से नुकसान है।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि एयर इंडिया को 2019-20 में 700 से 800 करोड़ रुपये के परिचालन लाभ का अनुमान है। यह इस मान्यता पर आधारित है कि तेल के दाम में कोई बड़ा उछाल नहीं होगा और विदेशी विनिमय दर में तीव्र उतार-चढ़ाव नहीं होंगे।’’ उसने कहा कि हालांकि एयरलाइन को जून में समाप्त तिमाही में 175 से 200 करोड़ रुपये का परिचालन नुकसान हुआ।
इसका कारण भारतीय विमानों के लिये पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का बंद होना था। इसके कारण विमानन कंपनी की लागत बढ़ी और रोजाना 3 से 4 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अधिकारी ने कहा कि एयर इंडिया की क्षमता का उपयोग बेहतर हुआ है तथा औसतन प्रति यात्री किराया कमाई सुधारी है। कंपनी फिलहाल 41 अंतरराष्ट्रीय और 72 घरेलू उड़ानों का परिचालन करती है। उसने कहा कि स्थिति में आने वाले समय में सुधार की उम्मीद है क्योंकि बड़े विमान परिचालन के लिये उपलब्ध होंगे।
कंपनी के बड़े आकार वाले विमान फिलहाल मरम्मत आदि के चलते उड़ान नहीं भर रहे और जल्दी ही इनके परिचालन में आने की उम्मीद है। एयर इंडिया 27 सितंबर से टोरोंटो और नवंबर से नैरोबी के लिये उड़ान सेवा शुरू करेगी। कंपनी पर 58,000 करोड़ रुपये का कर्ज है।