• फॉर्मेसी विभाग की ओर से वेबिनार का किया गया आयोजन
लखनऊ। कुलाधिपति के निर्देश पर विश्व क्षय रोग दिवस को डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) ने निक्षय दिवस के रूप में मनाया। इस मौके पर कुलपति प्रो आलोक कुमार राय के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय के फॉर्मेसी विभाग की ओर से वेबिनार का आयोजन किया गया।
इस दौरान बतौर मुख्य वक्ता एम्स जोधपुर के प्रो रवि गौड़ ने टीबी रोग के लक्षण और बचाव के तरीकों के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि अधिकतर मामलों में टीबी रोगी अपने रोग को पहचान ही नहीं पाता है। यदि उसे पता चल भी जाता है तो सामाजिक धारणाओं के चलते वह रोग को छुपाता है। जिससे न केवल उसके लिए खतरा बढ़ जाता है बल्कि अन्य लोगों में भी बीमारी फैलने की संभावना रहती है।
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इसलिए जरूरी है कि यदि टीबी के लक्षण दिखे तो तत्काल जांच करानी चाहिए। जांच के बाद नियमित दवा खाने से यह रोग समाप्त हो जाता है। वहीं, पौष्टिक आहार भी रोगी के लिए जरूरी है। घर वालों के साथ ही समाज को भी रोगी का मनोबल बढ़ाने की जरूरत होती है।
इसलिए जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव है। कहा कि अब तो टीबी रोगियों के लिए दवा भी आसानी से उपलब्ध होती है। वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में एनबीआरआई लखनऊ के रिटायर्ड सीनियर प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ एकेएस रावत ने दैनिक व्यवहार में प्राकृतिक आहार को शामिल करने के लिए प्रेरित किया।
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श्वसन तंत्र से संबंधित प्रत्येक बीमारी के उपचार में जड़ी बूटियों, खड़े मसालों इत्यादि के साथ काढ़े का अत्यधिक प्रयोग भी चलन है, जिससे बचना चाहिए। फार्मेसी संकाय के एसोसिएट डीन प्रोफेसर आकाश वेद के नेतृत्व में वेबिनार का संयोजन हुआ।
वेबिनार का संचालन फार्मेसी संकाय के नीलकंठ मणि पुजारी ने किया। धन्यवाद सहायक कुलसचिव रंजीत सिंह एवं डॉ जयबीर सिंह ने किया। वेबिनार में प्रिया आर्या, अंजली सिंह, विकास चौधरी के साथ समस्त फॉर्मेसी छात्र शामिल हुए।