लखनऊ। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी के प्रो. विनय कुमार पाठक (Prof. Vinay Kumar Pathak) ने बताया छात्र व शिक्षक अब यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट की निगरानी में रहेंगे। एकेटीयू AKTU से संबद्ध सभी संस्थानों में अब रियल टाइम उपस्थिति दर्ज होगी। इसके लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है,जिसमें हर सब्जेक्ट के लेक्चर के दौरान उपस्थिति शामिल होगी। इस सिस्टम के जरिए यूनिवर्सिटी की नजर छात्रों व शिक्षकों पर भी रहेगी। अब हर एक शिक्षक को क्लास लेने के बाद ऑनलाइन सिस्टम पर उपस्थिति का ब्योरा अपडेट करना होगा।
टेक्निकल टीम रखेगी निगरानी -Prof. Vinay Kumar Pathak
सॉफ्टवेयर की निगरानी यूनिवर्सिटी की टेक्निकल टीम करेगी, जो लखनऊ से पूरे प्रदेश भर के संस्थानों पर नजर रहेगी। 14 अगस्त से यह निगरानी की जाएगी। एकेटीयू कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने बताया कि हर वर्ष उपस्थिति को लेकर काफी दिक्कतें आती हैं। अभी तक परीक्षा से कुछ समय पूर्व ही संस्थान विवि को छात्रों की उपस्थिति का ब्योरा देते थे,अब इस व्यवस्था को खत्म कर दिया गया है।अब सभी 597 संस्थानों को ऑनलाइन रियल टाइम उपस्थिति का ब्योरा देना होगा। प्रो. पाठक के मुताबिक जब शिक्षक क्लास पूरी कर लेगा तो ऑनलाइन सिस्टम पर छात्रों की उपस्थिति का ब्योरा अपडेट करेगा। यह ब्योरा संस्थान व विवि दोनों के पास पहुंचेगा।
छात्रों को 75 फीसदी उपस्थिति
सॉफ्टवेयर के जरिए ये भी पता चल जाएगी कि कौन-कौन से छात्र किन-किन कक्षाओं में विशेष कर मौजूद नहीं रहते हैं। ऐसी छात्रों के अभिभाकों को मैसेज के जरिए इसकी जानकारी दी जाएगी। साथ ही छात्र को ई-मेल कर सभी कक्षाएं अटेंड करने के निर्देश दिए जाएंगे।अब हर हाल में छात्रों को 75 फीसदी उपस्थिति दर्ज करानी होगी। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें परीक्षाओं में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
विवि को जानकारी नहीं
इस सत्र से रियल टाइम उपस्थिति शुरू की जा रही है तो वहीं अगले सत्र से प्रत्येक संस्थान में छात्रों की उपस्थिति बायोमैट्रिक मशीन से ही दर्ज होगी।दरअसल अभी तक संस्थान छात्रों की उपस्थिति का ब्योरा देते थे तो उसमें विवि को जानकारी नहीं हो पाती थी। इस वजह से उन पर कार्रवाई भी नहीं होती थी लेकिन अब ये व्यवस्था सुधर जाएगी।
परीक्षा शुल्क 7500 रुपए
एकेटीयू से सबंद्ध संस्थानों के छात्रों को अब डीग्री व माइग्रेशन समेत चार दस्तावेजों के लिए अलग से कोई शुल्क नहीं देना होगा। एकेटीयू प्रशासन ने इस फीस को परीक्षा शुल्क में ही समायोजित किया है। यही वजह है कि पिछली बार की अपेक्षा इस सत्र से परीक्षा शुल्क में एक हजार रुपए की बढ़ोत्तरी की गई है।अभी तक विवि की परीक्षा शुल्क 6500 रुपए थी। इस सत्र से एक हजार रुपए बढ़ाकर 7500 कर दी गई है।
व्यवस्था में बदलाव
कार्यवाहक कुलसचिव प्रो. विनीत कंसल ने बताया कि अभी तक छात्रों को शैक्षणिक दस्तावेजों को प्राप्त करने के लिए आवेदन के साथ फीस जमा करनी होती थी लेकिन इस बार इस व्यवस्था में बदलाव कर दिया गया है।
प्रमाण पत्रों की फीस भी यूनिवर्सिटी
परीक्षा शुल्क में ही माइग्रेशन, डिग्री व इनरोलमेंट की 500-500 रुपए व प्रोविजिनल प्रमाण पत्र का 150 रुपए शुल्क शामिल है। प्रो. कंसल ने बताया कि एक साथ फीस जमा करने से छात्रों को किसी तरह की परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। प्रो. कंसल ने बताया कि इस सत्र से परीक्षा शुल्क भी छात्रों को सीधे विवि को जमा करनी होगी। ऐसी स्थिति में प्रमाण पत्रों की फीस भी यूनिवर्सिटी के पास जमा हो जाएगा।
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